Kurukshetra Lok Sabha Constituency: आसान नहीं है नवीन जिंदल की राह, कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
Kurukshetra Lok Sabha Constituency: बीजेपी ने इस बार इस सीट पर पाला बदलने वाले कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल पर भरोसा जताया है। अभी इस सीट से नायब सिंह सैनी सांसद, जिन्हें हाल ही में बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर सीएम बनाया है।
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर बीजेपी ने नवीन जिंदल को बनाया है प्रत्याशी
Kurukshetra Lok Sabha Constituency: हरियाणा का कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार है। इस सीट से बीजेपी ने नवीन जिंदल को टिकट दिया है, नवीन जिंदल कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं। वहीं इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट आम आदमी पार्टी के खाते में गई है और आप ने यहां से अपने राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता को मैदान में उतारा है। वहीं आरएलडी की ओर से खुद अभय चौटाला मैदान में हैं।
बीजेपी का समीकरण
बीजेपी ने इस बार इस सीट पर पाला बदलने वाले कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल पर भरोसा जताया है। अभी इस सीट से नायब सिंह सैनी सांसद, जिन्हें हाल ही में बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर सीएम बनाया है। यह पहली बार है कि भाजपा ने इस सीट से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। कुरुक्षेत्र में भाजपा का वोट शेयर 2009 से लगातार बढ़ा है। 2014 में भाजपा का वोट शेयर 36.81 प्रतिशत था, जो 2019 में बढ़कर 55.98 प्रतिशत हो गया। बीजेपी इस सीट पर पिछले दो चुनाव से लगातार जीत रही है। इस पर उसकी नजर तीसरी जीत पर है।
नवीन जिंदल की साख दांव पर
कुरुक्षेत्र सीट से नवीन जिंदल दो बार सांसद रह चुके हैं। लेकिन तब वो कांग्रेस से थे। 2014 में नवीन जिंदल तीसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस ने 2019 में नवीन जिंदल को टिकट नहीं दिया था। इस बार जिंदल बीजेपी के साथ है, अपने पिछले 10 साल के कार्यकाल और बीजेपी के पिछले 10 साल के कार्यकाल के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
कुरुक्षेत्र सीट पर जातीय समीकरण (Kurukshetra Caste Equation)
कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं - कैथल, पुंडरी, कलायत, गुहला, पेहोवा, थानेसर, शाहाबाद, लाडवा और रादौर। इस निर्वाचन क्षेत्र में जातिगत आधार पर मतदाताओं का मिश्रण है, लेकिन जाट समुदाय का दबदबा है। 17,88,491 मतदाताओं में से 14 प्रतिशत जाट, ब्राह्मण और सैनी हैं, जिनमें से 8-8 प्रतिशत पंजाबी, 6 प्रतिशत सिख और 5 प्रतिशत अग्रवाल समुदाय के हैं। अभय चौटाला एक जाट नेता हैं, जबकि नवीन जिंदल और सुशील गुप्ता दोनों बनिया समुदाय से हैं। कुरुक्षेत्र सीट से गैर जाट उम्मीदवार जीतते रहे हैं।
किसानों का मुद्दा अहम
पिछले दो आम चुनावों में भारी वोट शेयर हासिल करने के बावजूद, भाजपा कुरुक्षेत्र में एक दशक से चली आ रही सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। किसान समुदाय के बीच बढ़ते अविश्वास के कारण पार्टी को जाट मतदाताओं को लुभाने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। किसान, जिनमें से अधिकांश जाट हैं, भाजपा से नाराज़ हैं क्योंकि उनका दावा है कि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई हैं।
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