'INDIA' में कोई मतभेद नहीं, सचिन पायलट का दावा- चार राज्यों में चुनाव जीतेगी कांग्रेस

Assembly Elections 2023: सचिन पायलट और अशोक गहलोत लगातार ये संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं कि राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ऑल इज वेल है। उन्होंने दावा किया कि 5 में से 4 राज्यों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत पक्की है। उन्होंने इंडिया गठबंधन को लेकर कई बड़े दावे किए।

Sachin Pilot in Rajasthan Chunav

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने किया चार राज्यों में जीत का दावा।

Sachin Pilot News: पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने दावा किया है कि कम से कम चार राजयों में कांग्रेस की जीत पक्की है। उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के अंदरूनी कलह को भी खारिज किया है। पायलट ने दावा किया कि सीट बंटवारे को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आने वाली है।

'कम से कम चार राज्यों में चुनाव जीतेगी कांग्रेस'

सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस कम से कम चार राज्यों में चुनाव जीतेगी, यह इस बात का स्पष्ट संकेत होगा कि लोकसभा चुनाव के लिए हवा किस दिशा में बह रही है। सचिन पायलट ने विपक्षी गुट ‘इंडिया’ में मतभेद की अफवाहों को खारिज किया और कहा कि गठबंधन साझेदारों के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे में ‘बाधा’ नहीं आएगी।

विपक्षी गुट ‘इंडिया’ को लेकर क्या बोले पायलट?

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बोला कि विपक्षी गुट ‘इंडिया’ 2024 में भाजपा को हराने के लिए साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है, कौन क्या जिम्मेदारी संभालेगा इसका निर्णय चुनाव के बाद लिया जाएगा। पायलट लगातार ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि अब उनके और अशोक गहलोत के बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। देखना होगा कि कांग्रेस की ये रणनीति राजस्थान में उसे जीत का स्वाद चखाती है या फिर सबकुछ धरा का धरा रह जाता है।

शांति धारीवाल को टिकट मिलने पर बोले सचिन

राजस्थान में कोटा उत्तर विधानसभा सीट से कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत के करीबी शांति धारीवाल को मैदान में उतारे जाने के कुछ दिन बाद वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा था कि पार्टी ने जो भी निर्णय लिया है, उससे वह "पूरी तरह सहमत" हैं क्योंकि अतीत में हुई चीजों के बारे में सोचते रहना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण कुल मिलाकर "बहुत निष्पक्ष" रहा और उम्मीदवारों के जीतने की संभावना का भी ध्यान रखा गया। पायलट ने कहा कि अब प्राथमिकता पार्टी द्वारा चुने गए सभी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करने की है।

पायलट बोले, "माफ करो, भूल जाओ और आगे बढ़ो"

दिल्ली से मध्य प्रदेश के इंदौर की उड़ान में एक इंटरव्यू में पायलट ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सलाह के अनुसार राजस्थान में "माफ करो, भूल जाओ और आगे बढ़ो" के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। विगत में उन पर केंद्रित 'निकम्मा' जैसे शब्दों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस्तेमाल किए जाने के बारे में पूछे जाने पर, पायलट ने कहा, "छोड़िए! किसने क्या कहा... मैंने जो कहा है या नहीं कहा है उसके लिए मैं जिम्मेदार हो सकता हूं। हमें राजनीतिक चर्चाओं में गरिमा बनाए रखनी चाहिए।"

गहलोत से हुए विवाद को भूल गए सचिन पायलट?

सचिन पायलट ने कहा था कि "जिसने भी वे सभी शब्द कहे जिनका आपने उल्लेख किया, मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि मैं जिस तरह से बना हूं वह ऐसा नहीं है। अब हमें आगे बढ़ना है, जो कुछ भी कहा गया उसे भूल जाना चाहिए, हमें भूलने और आगे बढ़ने की जरूरत है। अब यह विषय किसी व्यक्ति या पद या किसी के बयान से संबंधित नहीं है। यह देश और पार्टी के बारे में है।" उन्होंने यह भी कहा था कि किसे कौन सा पद मिलेगा, यह 'किसी एक व्यक्ति द्वारा तय नहीं किया जाता' और कांग्रेस में लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है कि बहुमत प्राप्त करने के बाद नवनिर्वाचित विधायकों तथा दिल्ली में नेतृत्व द्वारा निर्णय लिया जाता है।

मुख्यमंत्री के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ रही कांग्रेस

कांग्रेस ने राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं घोषित किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा मुख्यमंत्री होने के नाते गहलोत को बढ़त मिली हुई है, पायलट ने कहा, "यह कोई दौड़ नहीं है जहां किसी ने बढ़त बना ली है या देर से शुरुआत की है। यह एक प्रक्रिया है।"

उन्होंने कहा, "हमने कभी भी किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव नहीं लड़ा है। यह कांग्रेस की परंपरा नहीं रही है। पार्टी ने भी यह स्पष्ट किया है। हम एक एकजुट ताकत के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, पार्टी को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचना चाहिए, एक बार, जब ऐसा हो जाएगा, तो चर्चा होगी और जो चुनाव जीतने वाले विधायक अपनी राय देंगे और पार्टी नेतृत्व तय करेगा कि किसे क्या पद मिलेगा, कौन विधायक दल का नेता होगा।"

टिकट वितरण को सचिन पायलट ने बताया बहुत निष्पक्ष

पायलट ने कहा, "जहां तक मुख्यमंत्री पद का सवाल है, यह निर्णय दिल्ली में नेतृत्व और कार्यकर्ताओं एवं विधायकों की राय पर निर्भर करता है। यह एक बहुत ही सहज प्रक्रिया है जो पहले भी कई बार हो चुकी है और इस बार भी कुछ अलग स्थिति नहीं है।" टिकट वितरण और कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के बाद असंतोष के स्वर के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी राजनीतिक दल में एक ही सीट के लिए अधिक लोगों का टिकट चाहना अच्छी बात है। उन्होंने कहा, "आखिरकार, पार्टी केवल एक ही व्यक्ति को टिकट दे सकती है। इसलिए बहुत सारे फीडबैक, सर्वेक्षणों, नेताओं की राय के बाद, हमने जीतने की संभावना पर टिकट दिए। हर किसी को संतुष्ट करना संभव नहीं है। कुल मिलाकर टिकट वितरण बहुत निष्पक्ष रहा है।"

भाजपा के टिकट बंटवारे पर क्या बोले सचिन पायलट?

पायलट ने कहा था, "मैं हमेशा चाहता था कि अधिक युवाओं को चुनाव लड़ने का मौका मिले और इस बार बहुत सारे युवाओं को मौका दिया गया है। कुल मिलाकर, भाजपा की सूची की घोषणा के बाद बहुत अधिक खींचतान, दबाव और अंदरूनी कलह है।" कोटा उत्तर से शांति धारीवाल को टिकट मिलने के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर पायलट ने कहा, "मैं व्यक्तियों को (टिकटों के) वितरण मामले में नहीं जाना चाहता। पार्टी को जो भी लगा कि वह जीतने योग्य उम्मीदवार है, चाहे वह एक्स, वाई या जेड हो, उस व्यक्ति को बहुत विचार-विमर्श के बाद टिकट दिया गया।"

2020 में सचिन पायलट के साथ क्या हुआ था?

उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने कहा, अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष और शीर्ष नेतृत्व का है, उन्होंने जो भी फैसला किया है, हमें काम करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि वे लोग चुनाव जीतें।" वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नीत सरकार के खिलाफ उनके विद्रोह और पिछले साल सितंबर की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर, जब गहलोत के वफादार ने विधायक दल की बैठक नहीं होने दी, पायलट ने कहा कि 2020 में उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे, वे पार्टी और लोगों के लिए महत्वपूर्ण थे। उन्होंने कहा, "एक समय था जब राजस्थान सरकार में कोई दलित मंत्री नहीं था, आज हमारे पास चार दलित मंत्री, कार्यकर्ता हैं जिन्होंने वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ संघर्ष किया, जेल गए, लाठीचार्ज का सामना किया, उन लोगों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए, शक्ति और पद देकर नहीं, बल्कि उनकी सराहना करके और निर्णय में उन्हें शामिल करके। वे अब सरकार में हितधारक बन रहे हैं। अब ऐसा हुआ है।"

कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए कितनी अहम है जीत?

पायलट ने कहा कि आज भारत कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और पूरे भारत में असली विकल्प कांग्रेस है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस मजबूत होगी तो "इंडिया" गठबंधन भी मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि इस देश को एक मजबूत कांग्रेस की जरूरत है और एक मजबूत कांग्रेस बनाने के लिए हमें ये राज्य चुनाव जीतने होंगे। पायलट ने कहा, "हमें इन राज्यों को जीतना है। ये हिंदी हृदय प्रदेश हैं जहां द्विकोणीय मुकाबला है। हमने हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक में जीत हासिल की है, इन जीत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को काफी राहत दी है।" उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि लोगों को एहसास हो गया है कि कांग्रेस एक बेहतर विकल्प है और इन चुनावों में पार्टी को बड़ा एवं सकारात्मक जनादेश मिलेगा।

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