अपनी बात से हटे उमर अब्दुल्ला! पहले किया था मना अब पार्टी ने कर दी J&K विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारी की घोषणा

जम्मू कश्मीर में पहले चरण में घाटी और जम्मू संभाग की 24 विधानसभा सीटों पर 18 सितंबर को मतदान होगा। दूसरे चरण के लिए मतदान 25 सितंबर को होगा और अंतिम चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि 4 अक्टूबर को मतगणना होगी।

omar abdullah candidate

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे उमर अब्दुल्ला (फोटो- omar abdullah facebook)

मुख्य बातें
  • गांदरबल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे उमर अब्दुल्ला
  • पहले उमर अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ने से किया था मना
  • उमर अब्दुल्ला इस सीट से रह चुके हैं विधायक
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर नेशनल कांफ्रेंस ने बड़ी घोषणा की है। नेशनल कांफ्रेंस ने अपने नेता उमर अब्दुल्ला को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दे दिया है। हालांकि उमर अब्दुल्ला पहले कह चुके थे, कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उमर अब्दुल्ला लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।

अपनी बात से हटे उमर अब्दुल्ला?

नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद सैयद रुहुल्लाह मेहदी, पार्टी नेता नासिर असलम वानी और अनंतनाग-राजौरी से सांसद मियां अल्ताफ अहमद की मौजूदगी में रविवार को हुई बैठक के बाद उमर अब्दुल्ला के नाम का ऐलान किया गया। IANS की रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वह तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे। जानकारी के अनुसार, उमर अब्दुल्ला हाल ही में गांदरबल जिले के नुनेर गांव पहुंचे थे। उनकी मौजूदगी में सईद मुस्तफा नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी में शामिल हुए थे। सईद मुस्तफा ने श्रीनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने हरा दिया था।

गांदरबल सीट से रह चुके हैं विधायक

उमर अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे और वे नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा वे तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और 2008 से 2014 तक गांदरबल सीट और 2014 से 2019 तक बीरवाह विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। साल 2002 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के काजी मोहम्मद अफजल से हार का सामना करना पड़ा था।

अब जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश

बता दें कि जून 2018 से जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार नहीं है। इससे पहले पीडीपी-भाजपा गठबंधन की राज्य में सरकार थी। लेकिन, भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया और तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया था। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया गया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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