Electoral Bond: चुनावी बॉन्ड पर रोक के बाद चंदे के लिए अब ये हैं विकल्प, दल ऐसे कर सकेंगे कमाई

Electoral Bond: चुनावी खर्च के लिए राजनीतिक दलों के पास इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा अन्य विकल्प मौजूद हैं और इनके जरिए वे अपने लिए राशि जुटा सकते हैं। राजनीतिक दल व्यक्तियों, पंजीकृत संगठनों, कॉर्पोरेट समूहों से चंदा ले सकते हैं।

चुनावी चंदा पाने के अभी और भी रास्ते हैं।

Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों द्वारा चंदा जुटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। लोकसभा चुनाव से पहले ठीक पहले लगी इस रोक से पार्टियों को नुकसान उठाना पड़ा है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म के मुताबिक मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक चुनावी बॉन्ड के जरिए भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों को कुल 16,518 करोड़ रुपए की राशि मिली। हालांकि, 16,492 करोड़ रुपए के मूल्य के ही बॉन्ड भुनाए गए। 26 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भेज दिए गए। सवाल है कि चुनावी चंदा जुटाने के लिए राजनीतिक दलों के पास अब और कौन-कौन से विकल्प बचे हैं।

पार्टियां ईसी को देंगी चंदे का हिसाब

राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिली रकम का पूरा हिसाब चुनाव आयोग को देना है। ईसी इस विवरण को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा। इससे लोगों को यह जानकारी मिल जाएगी कि किस व्यक्ति, किस संस्था और किस कॉरपोरेट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कब-कब और कितनी राशि किन-किन राजनीतिक पार्टियों को दी।

  • चुनावी खर्च के लिए राजनीतिक दलों के पास इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा अन्य विकल्प मौजूद हैं और इनके जरिए वे अपने लिए राशि जुटा सकते हैं। राजनीतिक दल व्यक्तियों, पंजीकृत संगठनों, कॉर्पोरेट समूहों से चंदा ले सकते हैं।
  • राजनीतिक दल सदस्यता शुल्क, पार्टी साहित्य प्रचार और प्रचार सामग्री की बिक्री से धन एकत्र कर सकते हैं।
  • नकद और गुमनाम चंदा सिर्फ 2000 रुपए तक लिया जा सकता है। कॉर्पोरेट घरानों की चंदा देने की एक सीमा है। यह पिछले तीन वर्षों में कंपनी के औसत शुद्ध लाभ का 7.5 फीसदी होना चाहिए।
  • विदेशी कंपनी की भारतीय सहायक कंपनी पार्टियों को चंदा दे सकती है। कोई व्यक्ति या कॉर्पोरेट घराना अपने चंदे पर कर छूट का दावा कर सकता है।
  • बड़े राज्य के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 95 लाख और छोटे राज्य में 75 लाख रुपए खर्च कर सकता है। विधानसभा में यह सीमा क्रमश: 40 लाख और 28 लाख रुपए है।
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