बाबुल सुप्रियो को पवन सिंह की खुली चुनौती, बात राजनीति और संगीत से संन्यास तक पहुंची

Babul Supriyo Vs Pawan Singh : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची 2 मार्च को जारी की। इस सूची में पवन सिंह का भी नाम था। पार्टी ने उसी आसनसोल सीट से भोजपुरी गायक एवं अभिनेता को टिकट दिया जहां से कभी बाबुल भाजपा सांसद थे।

Pawan Singh

आसनसोल से पवन सिंह को टिकट मिला था।

Babul Supriyo Vs Pawan Singh : भोजपुरी इंडस्ट्री में 'पावर स्टार' के नाम से मशहूर पवन सिंह ने तृणमूल नेता एवं गायक बाबुल सुप्रियो को खुली चुनौती दी है। आसनसोल से चुनाव लड़ना से मना करने वाले भोजपुरी गायक एवं अभिनेता ने बात साबित होने पर रानजीति और संगीत दोनों से संन्यास लेने की बात कही है। दरअसल, बाबुल सुप्रियो ने गत दो मार्च को X पर अपने एक पोस्ट में दावा किया कि बंगाल की महिलाओं को टारगेट करके पवन सिंह ने गाना गाया है। इन गानों के पोस्टर पर लिखे गए सेंटेंस द्विअर्थी हैं। इन गानों के पोस्टर पर पवन सिंह के फोटो भी लगे हुए हैं।

बाबुल को पवन सिंह ने अब जवाब दिया है

बाबुल के इस पोस्ट का जवाब पवन सिंह ने अब दिया है। पवन सिंह ने कहा है कि 'श्री. @SuPriyoBabul, नहीं बोलना चाहता थालेकिन आपने सिर्फ पवन सिँह का हीं दिल नहीं दुःखाया है, बल्कि 40 करोड़ भोजपुरी भाषी और कलाकारों को प्रेम करने वाले लोगो के मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है आप ने चार गाने का जो पोस्टर पोस्ट किया है; अगर ये चारो पोस्टर के गाने को सही साबित कर देते है तो मै राजनीत और संगीत दोनों से सन्यास ले लूंगा.....

नहीं तो आप......'

पवन सिंह के गीतों पर उठे सवाल

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची 2 मार्च को जारी की। इस सूची में पवन सिंह का भी नाम था। पार्टी ने उसी आसनसोल सीट से भोजपुरी गायक एवं अभिनेता को टिकट दिया जहां से कभी बाबुल भाजपा सांसद थे। हालांकि, टिकट मिलने के एक दिन बाद पवन सिंह ने निजी कारणों का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया। दरअसल, पवन सिंह को बंगाल से टिकट मिलने पर टीएमसी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए काफी हंगामा किया। टीएमसी ने पवन सिंह के कुछ गानों में बंगाली महिलाओं के गलत तरीके से चित्रण का आरोप लगाया।

भाजपा बंगाल विरोधी-बाबुल

अपने पोस्ट में सुप्रियो ने कहा था कि 'मैं हमेशा से कहता आया हूं कि भाजपा बंगाल विरोधी है। बीते 10 सालों में उसने बंगाल से किसी को कैबिनेट में जगह नहीं दी है। आसनसोल से पवन सिंह को उम्मीदवार बनाया जाना बंगाली महिलाओं के खिलाफ उनकी असंवेदनशीलता दिखाता है। एक कालाकार के रूप में पवन सिंह के खिलाफ मेरा कुछ नहीं है।' बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि पवन सिंह के फिल्मों और गानों में बंगाली महिलाओं को अपमानजनक तरीके से चित्रित किया गया।

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