मां पर जब बात आई तो बेहद भावुक हो गए PM मोदी, बोले-पहली बार बगैर उनके आशीर्वाद भरूंगा नामांकन

PM Narendra Modi Exclusive Interview : पीएम मोदी ने कहा कि 'जब वह मां शब्द बोलते हैं। तो इसका मतलब उनके मन में एक समग्र संसार है। उसमें बच्चे भी हैं। छोटी-छोटी बेटियां है, मां स्वरूप मैं बोल रहा हूं, तो मैं मां कहता हूं, तो ये बायोलॉजिकल चर्चा मेरी नहीं है, मेरा एक पूरा..।

इंटरव्यू में मां का जिक्र आते ही भावुक हुए पीएम मोदी।

PM Narendra Modi Exclusive Interview : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपनी दिवंगत मां हीराबेन के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए। पीएम ने कहा कि वह अपने चुनाव के लिए नामांकन की शुरुआत अपनी मां के हाथों से गुड़ खाकर किया करते थे लेकिन यह पहली बार है जब वह अपनी मां का आशीर्वाद लिए बगैर चुनाव अभियान में आगे बढ़े हैं। पीएम ने यह बातें टाइम्स नाउ एवं टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर इन चीफ नाविका कुमार और टाइम्स नाउ नवभारत के कंसल्टिंग एडिटर सुशांत सिन्हा के साथ बातचीत में कहीं।

अपनी मां का कोई सपना पूरा नहीं कर पाया-पीएम

पीएम ने कहा कि 'जब वह मां शब्द बोलते हैं। तो इसका मतलब उनके मन में एक समग्र संसार है। उसमें बच्चे भी हैं। छोटी-छोटी बेटियां है, मां स्वरूप मैं बोल रहा हूं, तो मैं मां कहता हूं, तो ये बायोलॉजिकल चर्चा मेरी नहीं है, मेरा एक पूरा..। देखिए, भावुकता ते मेरी प्रवृति में हैं। दुनिया मेरा क्या करेगी।' पीएम ने आगे कहा कि सवाल मेरी मां का नहीं है, मेरी मां तो चलिए मुझे जन्म दिया है। वैसे तो मेरी मां के साथ मैंने कोई न्याय नहीं किया है, क्योंकि मां के जो सपने रहते हैं बच्चे को लेकर, वैसा कोई सपना मां का मैंने पूरा नहीं किया। मैं बहुत छोटी आयु में भाग गया था, चला गया बाहर.. तो उस प्रकार से मैं तो गुनहगार हूं एक प्रकार से।'

पीएम ने गुजरात जाने का किस्सा सुनाया

सुशांत सिन्हा के इस सवाल पर कि साल 2002 के बाद ये पहला चुनाव है, जो आप जीतेंगे, पब्लिक का समर्थन होगा। सब कुछ होगा लेकिन आपकी मां नहीं होंगी, आप हर चुनाव के बाद उनके पैर छूने जाते थे। इस सवाल के जवाब में पीएम ने कहा कि ऐसा है कि मैं तो कभी राजनीति में था नहीं, संगठन का काम करता था। अटल जी का फोन आया कि भई रात को आओ, काम है, तो मैं अटल जी के पास आया। तो कहा भई तुम्हें गुजरात जाना है, क्यों मैंने कहा.. मैं अभी यहां इतना सारा देशभर का काम देखता हूं। फिर मुझे गुजरात का, कैसे, क्यों डाल रहे हो। पार्टी का काम कर ही रहा हूं मैं। उसमें गुजरात का भी कभी-कभी देख लेता हूं। नहीं, नहीं, अब बहुत हो गया संगठन। अब तुमको सरकार संभालनी पड़ेगी। मैंने कहा अटल जी, मैंने तो कभी सरकार चलाई नहीं, मैं जानता नहीं किसी को। कभी पुलिस थाना नहीं देखा, मैं क्या करूंगा?'
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