MP Chunav: चुनावी उठापटक में कितनी अहम है नारों की सियासत? आसान नहीं भाजपा की राह

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मी के बीच स्लोगन की सियासत ने जोर पकड़ ली है। 'माफ करो महाराज' से लेकर 'साथ है शिवराज' जैसे नारों की गूंज ने एमपी की सियासत का रुख बदल दिया है। इन स्लोगनों से ये समझ आ रहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की राह आसान नहीं है।

MP में स्लोगन की सियासत ने पकड़ लिया जोर।

MP Chunav News: ‘माफ करो महाराज’ से ‘साथ है शिवराज’ तक का अंतर्विरोधों से भरा सियासी नारों का सफर पूरा करने वाले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनितिक दलों का प्रचार अभियान चरम पर है, लेकिन इस बार कोई नारा जनमानस पर अपना असर छोड़ता नजर नहीं दिख रहा। विश्लेषक इसे प्रचार के पारम्परिक तरीकों से लेकर सोशल मीडिया के तेजी से बदलते युग के एक पड़ाव के रूप में देख रहे हैं।

‘माफ करो महाराज, हमारा नेता शिवराज’ नारे की गूंज

पिछले चुनावों से पूर्व लंबे समय से सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सियासी गणित कुछ अलग थे और 2018 विधानसभा चुनाव में ‘माफ करो महाराज, हमारा नेता शिवराज’ सत्तारूढ़ पार्टी का एक मुख्य नारा था। इस नारे के जरिए ग्वालियर के पूर्व राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा गया था। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक उन्हें ‘महाराज’ कहकर संबोधित करते हैं। इसके दो साल बाद 2020 में राज्य में उस समय सियासी स्थितियां बदली, जब सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को पंद्रह महीने के अल्प-समय में सत्ता से दूर होना पड़ा। इसी के साथ भाजपा का सियासी नारा भी बदल गया।

शिवराज के लिए लोगों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को नकारा

ज्योतिरादित्य सिंधिया जब मार्च 11, 2020 को भाजपा में शामिल हुए, तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘एक्स’ (तत्कालीन ट्विटर) पर लिखा था, 'स्वागत है महाराज, साथ है शिवराज' और इसके साथ ही चौहान चौथी बार सत्तारूढ़ हो कर भोपाल में देश की सबसे पुरानी मानव-निर्मित झील के किनारे बसे श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री आवास में फिर से पहुंच गए। भाजपा ने कांग्रेस के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए 2003 में ‘श्रीमान बंटाधार’ का नारा दिया था। भाजपा के थिंक-टैंक ने 2003 में राज्य की बेहद खराब सड़कों और खराब बिजली आपूर्ति को उजागर करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री सिंह को निशाना बनाते हुए यह नारा दिया था।
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