विपक्ष पहले बैठा रहा और चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन बनाया- टाइम्स नाउ नवभारत से बोले प्रशांत किशोर
Prashant Kishor Exclusive Interview: टाइम्स नाउ नवभारत एवं टाइम्स नाउ की ग्रुप एडिटर इन चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में प्रशांत किशोर ने इंडिया गठबंधन को लेकर कहा कि विपक्ष को तैयारी 3 साल पहले से करनी चाहिए थी।
टाइम्स नाउ नवभारत से प्रशांत किशोर की खास बातचीत
Prashant Kishor Exclusive Interview: जन सुराज संगठन के संस्थापक प्रशांत किशोर ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में इंडिया गठबंधन को लेकर कहा कि सिर्फ नेताओं और दलों के एक साथ बैठने से और चाय पीने से या स्टेटमेंट देने से कि हमलोग साथ हैं, उससे पब्लिक पर कोई फर्क नहीं पड़ता। जनता को इंडिया गठबंधन से फर्क तब पड़ेगा जब इंडिया गठबंधन का कोई एजेंडा सामने आएगा। जिससे पब्लिक को सरोकार हो। वहीं अपने बारे में बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका इंट्रेस्ट किसी नेता या पॉलिटिकल फॉरमेशन में नहीं बल्कि बिहार में है। प्रशांत किशोर ने कहा कि आज की तारीख में वो बिहार में जाकर एक नई व्यवस्था को बनाने की प्रयास करने वाले व्यक्ति हैं।
विपक्ष की तैयारी पर प्रशांत किशोर ने उठाया सवाल
टाइम्स नाउ नवभारत एवं टाइम्स नाउ की ग्रुप एडिटर इन चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में प्रशांत किशोर ने इंडिया गठबंधन को लेकर कहा कि विपक्ष को तैयारी 3 साल पहले से करनी चाहिए थी, लेकिन ये पहले तो बैठे रहे और अब चुनाव से 6 महीने पहले इंडिया एलायंस बनाया। इसके बाद भी ये लोग इसके लिए सीरियस नहीं दिखे। जून में इंडिया गठबंधन पर बात शुरू हुई और अबतक सिर्फ 4 मीटिंग हुई है।
कांग्रेस पर क्या बोले प्रशांत किशोर
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस चुनाव में 100 का आंकड़ा पार कर लेगी, प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें लोकसभा में कांग्रेस की वर्तमान सीट की संख्या में बड़े बदलाव की संभावना नजर नहीं आती। उन्होंने कहा- "अगर सीट की संख्या 50 - 55 हो जाए तो इससे देश की राजनीति नहीं बदल जाएगी। मुझे कांग्रेस के लिए चुनाव नतीजे में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं दिख रहा है। बड़े बदलाव के लिए कांग्रेस को 100 का आंकड़ा पार करना होगा। आज की तारीख में यह बहुत मुश्किल है।"
भाजपा पर क्या बोले प्रशांत किशोर
भाजपा के 370 सीट जीतने के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने कहा- "भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए 370 का यह लक्ष्य रखा है। लोगों को इस 370 के लक्ष्य को सच नहीं मानना चाहिए। हर नेता को लक्ष्य तय करने का अधिकार है। यदि वे इसे हासिल कर लेते हैं तो बहुत अच्छा है, यदि नहीं कर पाते हैं तो पार्टी को इतना विनम्र होना चाहिए कि वह अपनी गलती स्वीकार कर ले।''
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