आजादी से लेकर अब तक कैसा रहा रायबरेली सीट का हाल, देखें राहुल गांधी के लिए क्या है बड़ी चुनौती

Loksabha Election 2024: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने की अटकलें कई दिनों से थीं, लेकिन पार्टी ने उन्हें रायबरेली से उम्मीदवार बनाया है। राहुल गांधी के सामने पार्टी और परिवार की विरासत बचाने की बड़ी चुनौती है। जानिए कैसा रहा है रायबरेली का अब तक का चुनावी इतिहास -

रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी

Loksabha Election 2024: जब से लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा हुई है, तभी से सभी के मन में यही प्रश्न था कि क्या राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेठी (Amethi Loksabha Constituency) से चुनाव लडे़ंगे? इसके अलावा दूसरा प्रश्न रायबरेली (Raebareli Loksabha Constituency) से कौन चुनाव लड़ेगा था... क्योंकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया और वह पहले ही राज्यसभा पहुंच चुकी हैं। आखिरकार कांग्रेस (Congress) ने इन दोनों सीटों को लेकर सस्पेंस खत्म कर दिया है। पार्टी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को रायबरेली से अपना उम्मीदवार (Congress Candidate from Raebareli) बनाया है। जबकि उनकी पारंपरिक सीट अमेठी से किशोरी लाल शर्मा (Kishori Lal Sharma) को प्रत्याशी (Congress Candidate from Amethi Constituency) बनाया गया है। राहुल गांधी को जिस रायबरेली सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है, वह उनकी मां और पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की पारंपरिक सीट रही है। राहुल गांधी के लिए इस बार चुनौती और बड़ी इसलिए भी है, क्योंकि सोनिया गांधी साल 2004 से लगातार यहां से जीतती रही हैं। चलिए जानते हैं रायबरेली सीट का अब तक का इतिहास कैसा रहा है।

सोनिया की विरासतराहुल गांधी के सामने चुनौती अपनी मां की विरासत संभालने की है। राहुल गांधी आज यानी शुक्रवार 3 मई को रायबरेली सीट के लिए अपना नामांकन (Nomination) फाइल किया। इस दौरान मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका वाड्रा भी राहुल गांधी के साथ मौजूद रहीं। एक लिहाज से रायबरेली सीट कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए सुरक्षित सीट मानी जा सकती है, क्योंकि आजादी के बाद से अब तक सिर्फ 3 बार ही यहां पर गैर कांग्रेसी उम्मीदवारों की जीत मिली है।

लोकसभा चुनाव 2024 के प्रमुख उम्मीदवारकांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी के नाम की घोषणा होने के बाद रायबरेली का चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है। यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय है। भारतीय जनता पार्टी (BJP Candidate from Raebareli) ने एक बार फिर उन्ही दिनेश प्रताप सिंह (Dinesh Pratap Singh) को अपना प्रत्याशी बनाया है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। इन दोनों के अलावा मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (BSP Candidate from Raebareli) ने ठाकुर प्रसाद यादव (Thakur Prasad Yadav) को यहां से टिकट दी है।

राहुल गांधी

तस्वीर साभार : Twitter
  • राहुल गांधी - कांग्रेस/INDIA
  • दिनेश प्रताप सिंह - भाजपा/NDA
  • ठाकुर प्रसाद यादव - बहुजन समाज पार्टी

रायबरेली पर घट रहा कांग्रेस का ग्राफलोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने राहुल गांधी को रायबरेली से उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला है। राहुल गांधी के सामने अपनी मां की विरासत को संभालने के साथ रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के गिरते ग्राफ को बचाना भी चुनौती होगी। पिछले दो यानी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों को देखें तो रायबरेली में सोनिया गांधी का जीत का अंतर कम होता गया है। इतना तो स्पष्ट है कि रायबरेली में पिछले दो चुनावों में कांग्रेस का जनाधार कुछ हद तक खिसका जरूर है, लेकिन यह अभी तक इतना कम नहीं हुआ कि कांग्रेस के लिए चिंता की बात हो। हालांकि, कांग्रेस थिंकटैंक की नजर इस बात पर जरूर होगी कि पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में पार्टी का जनाधार जितना कम हुआ है, भाजपा का जनाधार उससे दोगुना बढ़ा है। आंकड़े यहां देखें -

2019 चुनाव का हाल
पार्टीउम्मीदवारकुल वोटवोट प्रतिशतवोट घटे/बढ़े
कांग्रेससोनिया गांधी534,91855.8-8
भाजपादिनेश प्रताप सिंह367,74038.3617.31
2014 चुनाव का हाल
पार्टीउम्मीदवारकुल वोटवोट प्रतिशतवोट घटे/बढ़े
कांग्रेससोनिया गांधी526,43463.8-8.43
भाजपाअजय अग्रवाल173,72121.0517.23
BSPप्रवेश सिंह636337.71-8.69
रायबरेली में अब तक के चुनावों का हालसाल 1952 से ही रायबरेली लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। नीचे दी गई टेबल में सभी लोकसभा चुनावों का हाल इस बात को बखूबी दर्शाता भी है।

सालउम्मीदवारपार्टी
1952फिरोज गांधीकांग्रेस
1957कांग्रेस
उपचुनाव 1960आरपी सिंहकांग्रेस
1962बैजनाथ कुरीलकांग्रेस
1967इंदिरा गांधीकांग्रेस
1971कांग्रेस
1977राज नारायणजनता पार्टी
1980इंदिरा गांधीकांग्रेस
उपचुनाव 1980अरुण नेहरूकांग्रेस
1984कांग्रेस
1989शीला कौलकांग्रेस
1991कांग्रेस
1996अशोक कुमारभाजपा
1998भाजपा
1999सतीश शर्माकांग्रेस
2004सोनिया गांधीकांग्रेस
उपचुनाव 2006कांग्रेस
2009कांग्रेस
2014कांग्रेस
2019कांग्रेस
जब इंदिरा गांधी चुनाव हार गईंऊपर दी टेबल से यह तो स्पष्ट होता है कि रायबरेली लोकसभा सीट 1952 से ही कांग्रेस का गढ़ रही है। तीन उपचुनावों सहित अब तक यहां पर 20 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 17 बार कांग्रेस को जीत मिली है। कांग्रेस को अब तक सिर्फ तीन बार रायबरेली में हार मिली है। पहली बार साल 1975 की आपातकाल (Emergency) के बाद 1977 में हुए चुनावों में कांग्रेस ने रायबरेली से हार का मुंह देखा। बड़ी बात यह थी कि स्वयं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां से चुनाव लड़ीं और हार गईं। इंदिरा गांधी को उन्हीं राज नारायण ने हराया, जिन्होंने 1971 में हार के बाद इंदिरा गांधी पर गलत तरीके से चुनाव जीतने का आरोप लगाया था। राज नारायण की शिकायत पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनाव को रद्द किया, जिसके खिलाफ इंदिरा गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने भी इंदिरा गांधी के चुनाव को गलत बताया था। सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा गांधी के खिलाफ निर्णय देने के बाद ही देश में आपातकाल लगाया गया था। आपातकाल खत्म होने के बाद चुनाव हुए तो राज नारायण ने इंदिरा गांधी को हरा दिया। 1977 के लोकसभा चुनाव में राज नारायण को कुल 1 लाख, 77 हजार, 719 यानी 53.51 फीसद वोट मिले थे, जबकि इंदिरा गांधी ने 1 लाख, 22 हजार, 517 वोट यानी 36.89 प्रतिशत हासिल किए।

रायबरेली में कांग्रेस की दूसरी हारसाल 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक बार फिर रायबरेली से जीत दर्ज की। इस बार उन्होंने जनता पार्टी प्रत्याशी विजयराजे सिंधिया को हराया। इसके बाद 1996 में कांग्रेस को रायबरेली में हार का मुंह देखना पड़ा, जब भाजपा नेता अशोक कुमार ने जीत दर्ज की। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम कौल 25 हजार से कुछ ज्यादा मत लेकर चौथे नंबर पर रहे थे। 1998 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली में एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार ने जीत दर्ज की और कांग्रेस उम्मीदवार दीपा कौल को 50 हजार से कम वोट मिले, वह चौथे नंबर पर रहीं।

सोनिया गांधी

तस्वीर साभार : Twitter

सोनिया युग की शुरुआत

रायबरेली में सोनिया गांधी के युग की शुरुआत से पहले 1999 में कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन सतीश शर्मा ने जीत का परचम लहराया। इस बार भाजपा प्रत्याशी अरुण कुमार नेहरू चौथे नंबर पर रहे। साल 2004 में सोनिया गांधी ने रायबरेली में अपने दबदबे की शुरुआत की। सोनिया गांधी को यहां 58.75 फीसद वोट मिले। 2006 के उपचुनाव में सोनिया गांधी ने एक बार फिर रायबरेली सीट जीती और इस बार उन्हें 80.49 प्रतिशत मत मिले। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी सोनिया गांधी ने रायबरेली में जीत दर्ज की और उन्हें 72.23 फीसद वोट मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी लहर में कांग्रेस बुरी तरह से हार गई, उस समय भी सोनिया गांधी ने 63.80 फीसद मत लेकर रायबरेली में जीत दर्ज की। 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी को रायबरेली की जनता ने एक बार फिर चुनकर लोकसभा भेजा और इस बार उन्हें कुल 55.80 फीसद मत मिले।

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