Bharat Nyay Yatra से राहुल ने फूंका 2024 चुनाव का बिगुल, जानिए पहली यात्रा का रहा था कितना असर
Bharat Nyay Yatra: अपनी पहली भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों को कवर किया था।
राहुल की भारत जोड़ो यात्रा
Bharat Nyay Yatra: लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले राहुल गांधी शुक्रवार को 14 जनवरी से 30 मार्च के बीच मणिपुर से महाराष्ट्र तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर रहे हैं। इस यात्रा को उनकी भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण माना जा रहा है जिसे उन्होंने 2022 के अंत से जनवरी 2023 तक चलाया था। भारत के पूर्व से पश्चिम की ओर हो रही यह यात्रा 2024 के चुनावों से पहले लोगों तक पहुंचने के लिए पार्टी का मुख्य कार्यक्रम बनने की उम्मीद है। यह यात्रा चुनाव से कुछ दिन पहले 20 मार्च को समाप्त होगी।
12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंचे राहुल
अपनी पहली भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों को कवर किया था। इस दौरान उन्होंने 12 सार्वजनिक बैठकों, 100 से अधिक नुक्कड़ सभाओं और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने 275 से अधिक बार पैदल यात्रा के दौरान बातचीत की और 100 से अधिक बैठकर बातचीत भी की। यह यात्रा पूरी तरह सुर्खियों में रही। कांग्रेस ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि पार्टी लोगों के साथ जुड़ाव स्थापित करने, अपने आधार को फिर से मजबूत करने और राजनीतिक फायदा हासिल करने में सक्षम है। इस बार, कांग्रेस एक बार फिर चुनावी फायदा मिलने की उम्मीद कर रही है। आइए उन क्षेत्रों के चुनाव परिणामों पर एक नजर डालते हैं जहां से राहुल की भारत जोड़ो यात्रा गुजरी थी और पार्टी सकारात्मक नतीजे मिले थे।
हिमाचल प्रदेश
2022 में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को हराकर 40 सीटें हासिल की थीं, बीजेपी को 25 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य में पार्टी के प्रदर्शन के लिए भारत जोड़ो यात्रा को श्रेय दिया। भारत जोड़ो यात्रा हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों से होकर गुजरी थी।
कर्नाटक
राज्य में विधानसभा चुनाव 10 मई, 2023 को हुए थे। राहुल की यात्रा ने 30 सितंबर, 2022 को राज्य में प्रवेश किया और 21 दिनों में मैसूरु, बल्लारी और रायचूर जिलों से गुजरी। यात्रा करीब 20 विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए आगे बढ़ी। 2018 में भाजपा ने इन 20 क्षेत्रों में से 9 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 5 सीटें जीती थीं। जद (एस) ने बाकी 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2023 में कांग्रेस ने 20 में से 15 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा 2 और जद (एस) 3 सीटों पर सिमट गए। 2018 के चुनावों की तुलना में इन 20 सीटों पर कांग्रेस का वोट शेयर 9.7 प्रतिशत अधिक था। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 228 सीटों में से 135 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया।
तेलंगाना
कांग्रेस ने 30 नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में भारत राष्ट्र समिति सरकार को उखाड़ फेंका और राज्य में अपनी पहली गैर बीआरएस सरकार बनाई। 2014 से यहां बीआरएस का राज था जिसे कांग्रेस ने खत्म किया और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में नई सरकार बनी। भारत जोड़ो यात्रा ने 23 अक्टूबर, 2022 को मख्तल जिले में राज्य में प्रवेश किया और नारायणपेट और महबूबनगर जैसे जिलों से होते हुए 12 दिनों में हैदराबाद पहुंची थी। इस दौरान उसने 29 विधानसभा क्षेत्रों में प्रवेश किया।
2018 में सत्तारूढ़ बीआरएस ने इनमें से 22 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की थी, जबकि बाकी 7 पर एआईएमआईएम ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस के पास इन 29 सीटों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक भी विधायक नहीं था। इस बार पार्टी इनमें से 12 सीटें जीतने में सफल रही, जबकि बीआरएस 10 में विजयी हुई। एआईएमआईएम ने वही सीटें बरकरार रखीं, जो 2018 में जीती थीं। 2023 में 29 सीटों पर कांग्रेस का वोट शेयर 6.75 प्रतिशत बढ़ गया। पार्टी ने 117 सीटों में से 64 सीटें हासिल करके राज्य में जीत हासिल की।
मध्य प्रदेश
हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में राहुल की इस यात्रा का दो हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश और राजस्थान में यात्रा का कोई असर नहीं दिखा। भारत जोड़ो यात्रा ने पिछले साल 23 नवंबर को मध्य प्रदेश में प्रवेश किया और 16 दिनों में उज्जैन और इंदौर जिलों से होकर गुजरी थी। इसमें कुल 21 विधानसभा क्षेत्र शामिल थे, जिनमें से 2018 में कांग्रेस ने 3 जबकि भाजपा ने 18 सीटें जीती थीं। 2023 में भाजपा ने 21 में से 17 सीटें जीतकर अपना कब्जा बरकरार रखा, जबकि कांग्रेस केवल 4 सीटों पर विजयी हुई। राज्य की कुल 230 सीटों में से केवल 66 सीटें हासिल कीं, जबकि भाजपा ने 166 सीटें जीतीं।
राजस्थान
राजस्थान के मामले में भारत जोड़ो यात्रा ने पिछले साल 4 दिसंबर को प्रवेश किया और 18 दिनों में झालावाड़, दौसा, सवाई माधोपुर और अलवर जिलों से होकर 22 विधानसभा क्षेत्रों को पार किया। 2018 में कांग्रेस ने इनमें से 14 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 5 सीटें जीती थीं, जबकि 3 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई थीं। 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने इनमें से 11 सीटों पर कांग्रेस को पछाड़ दिया, कांग्रेस ने 9 सीटें जीतीं, जबकि निर्दलीय को 2 सीटें मिलीं। इन सीटों पर कांग्रेस का संयुक्त वोट शेयर केवल 3 प्रतिशत से अधिक बढ़ा, लेकिन पार्टी राज्य में भाजपा से हार गई, जिसने 199 सीटों पर चुनाव में 115 सीटें जीतीं। राज्य में कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई।
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