56 साल के इतिहास में महज एक बार जीती है भाजपा, क्या कांग्रेस की नजरों से बचा पाएगी 'राई' का रण?

Rai Assembly constituency: हरियाणा की सभी 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इसी दिन सोनीपत जिले के अंतर्गत आने वाली राई विधानसभा सीट पर भी मतदान होंगे, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे होने की वजह से हमेशा चर्चाओं में बना रहता है।

राई विधानसभा सीट

मुख्य बातें
  • राई में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर।
  • जजपा और इनेलो बिगाड़ सकते हैं दोनों पार्टियों का समीकरण।
  • 5 अक्टूबर को मतदाता डालेंगे वोट।

Rai Assembly constituency: हरियाणा के शह और मात के खेल में किसकी होगी जीत और किसको करना पड़ेगा संतोष? यह तो 8 अक्टूबर को पता चल ही जाएगा, लेकिन सोनीपत जिले के तहत आने वाली राई विधानसभा (Rai Constituency) पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होने वाली है। भाजपा के लिए जहां प्रतिष्ठा का सवाल है तो कांग्रेस अपनी इस सीट को वापस जीतना चाहती है।

पहली बार कब हुए चुनाव?

राई विधानसभा सीट पर पहली बार साल 1967 में चुनाव हुए थे और तब कांग्रेस के आर राम निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन 2019 में भाजपा को राज्य की इस सीट पर पहली बार कामयाबी मिली और इस बार भाजपा इस सीट को बरकरार रखने की अपनी पूरी ताकत झोंकने के इरादे में है।

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