Nathdwara Seat: नाथद्वारा में फिर सियासी पारी खेल रहे सीपी जोशी, 29 साल की उम्र में यहां से पहली बार बने थे विधायक
Rajasthan Assembly Election 2023: 10 साल तक नाथद्वारा की राजनीति से दूर रहे सीपी जोशी को पार्टी ने 2018 के बाद फिर से मैदान में उतारा है।
सीपी जोशी
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान के मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष व नाथद्वारा विधायक सीपी जोशी के सामने इस बार तगड़ी चुनौती है। बीजेपी ने मेवाड़ पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह को मैदान में उतारा है। मुकाबले अब रोचक बन गया है। इस सीट के लिए कई स्थानीय चेहरे टिकट की दौड़ में शामिल थे, लेकिन पार्टी ने नया दांव खेलकर सभी कौ चौंका दिया है। साल 1980 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़कर विधायक बने सीपी जोशी नाथद्वारा से राजनीति की लंबी पारी खेल चुके हैं। हार-जीत का स्वाद भी चखा। 2008 में उन्हें अपने ही सिपहसालार कल्याण सिंह चौहान ने एक वोट से हराकर सियासत में तूफान ला दिया। 10 साल तक नाथद्वारा की राजनीति से दूर रहे सीपी जोशी को पार्टी ने 2018 के बाद फिर से मैदान में उतारा है।
विश्वराज सिंह मेवाड़ देंगे जोशी को टक्कर
वहीं, विश्वराज सिंह मेवाड़ की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। बीजेपी ने दिल्ली में राजसमंद सांसद दीया कुमारी की मौजूदगी में विश्वराज को पार्टी सदस्यता ग्रहण करवाई थी। तब से ही उनके नाथद्वारा से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे जो सही भी साबित हुए। विश्वराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह भी राजनीति में अपना सिक्का जमा चुके हैं। वह चित्तौड़गढ़ से बीजेपी से सांसद रह चुके हैं। उनके चचेरे भाई लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन विश्वराज के कदम ने सियासी जानकारों को चौंका दिया।
1980 में ऐसे बदली किस्मत
सीपी जोशी काफी पढ़े-लिखे हैं और इसलिए अपने करियर की शुरुआत मनोविज्ञान लेक्चरर के तौर पर शुरू की थाी। जोशी की सियासी किस्मत तब चमकी जब पूर्व सीएम मोहनलाल सुखाड़िया तमिलनाडु के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर वापस जयपुर पहुंच गए। जोशी ने नाथद्वारा में सुखाड़िया के लिए प्रचार की कमान संभाली, इस चुनाव में सुखाड़िया जीत गए। 1980 में दिग्गजों की टिकट काटकर सुखाड़िया ने जोशी को चुनाव लड़वाया और जोशी को भी जीत मिली।
29 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने
जोशी मात्र 29 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने और यहां से ही उन्होंने राज्य की सियासत में मजबूत कदम जमाने शुरू कर दिए थे। यहां जोशी की लोकप्रियता बढ़ती गई और नाथद्वारा सीट से वे चार बार विधायक चुने गए। 2008 के विधानसभा चुनावों में जोशी अपने ही करीबी रहे कल्याण सिंह से मात्र एक वोट से हार गए थे। इन चुनावों में वे सीएम पद के पक्के दावेदार माने जा रहे थे लेकिन इस हार ने उनकी सियासी दुनिया को हिलाकर रख दिया। विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में टिकट मिला। चुनाव जीतकर वे पहली बार सांसद बनें और फिर कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें चुनाव से जुड़ी सभी छोटी बड़ी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। भारत के चुनाव (Elections) अपडेट और विधानसभा चुनाव के प्रमुख समाचार पाएं Times Now Navbharat पर सबसे पहले ।
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली के दंगल में कुल कितने उम्मीदवार आजमा रहे अपनी किस्मत? एक क्लिक में जानें सबकुछ
हरियाणा का बदला दिल्ली में ले रही कांग्रेस? क्यों नहीं हुआ AAP और CONG के बीच गठबंधन, माकन ने दिया बता
केजरीवाल पर हमला हुआ या उनकी गाड़ी ने टक्कर मारी? आमने-सामने AAP और BJP, देखिए वीडियो
'अब तक किराएदारों का क्यों नहीं मिला मुफ्त बिजली-पानी'; केजरीवाल पर संदीप दीक्षित का पलटवार
दिल्ली में किराएदारों को भी मिलेगा मुफ्त बिजली और पानी, केजरीवाल ने चुनाव से पहले की एक और बड़ी घोषणा
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited