लाल डायरी में आखिर क्या है? अशोक गहलोत बार-बार दे रहे सफाई, समझिए पूरा विवाद

Rajasthan Lal Diary Mystery : क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में जिस लाल डायरी पर सियासत गरमाई हुई है, उसमें आखिर ऐसा क्या है जिसके लिए खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बार-बार सफाई पेश करनी पड़ रही है। आपको चुनावी सरगर्मी के बीच इस पूरे विवाद को समझाते हैं।

क्या है लाल डायरी? जानें इससे जुड़ा पूरा विवाद

Rajasthan Vidhan Sabha Chunav News: गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप लगाया था कि इस (लाल) डायरी में गहलोत व अन्य नेताओं के 'अवैध लेनदेन' का ब्यौरा दर्ज है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में लाल डायरी का मुद्दा फिर गरमा गया है। अगर सचमुच इस डायरी में अशोक गहलोत के राज छिपे हैं, तो वो कौन से राज है जिसने खुद सीएम को इसके लिए मजबूर कर दिया कि उन्हें बार-बार सफाई देनी पड़ ही है।

राजेंद्र गुढ़ा से छीन ली गई थी लाल डायरी!

राजेंद्र गुढ़ा राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे हैं, जो एक लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंच गए थे। उन्होंने दावा किया था कि गहलोत के ढेर सारे राज इसमें छिपे हैं। उस वक्त विधानसभा में उनसे डायरी जब्त कर ली गई थी और उन्हें सदन से निकाल दिया गया था। सदन से निकाले जाने के बाद उन्होंने दावा किया था कि उनके पास एक और डायरी है।

क्या है लाल डायरी? जानें इससे जुड़ा पूरा विवाद

ये विवाद साल 2020 का है, जब सचिन पायलट ने बागी रुख अख्तियार कर ली थी। उस वक्त धर्मेंद्र राठौड़ आरटीडीसी के चेयरमैन थे। सीएम के करीबी कहे जाने वाले राठौर के ठिकानों पर उस वक्त जांच एजेंसियों ईडी और इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी। इस पूरे विवाद को लेकर गुढ़ा ने ये दावा किया था कि 'जब छापे पड़े थे तब मुख्यमंत्री का फोन आया और उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र राठौड़ के यहां लाल डायरी है, वो किसी भी हाल में चाहिए। जाली तोड़कर गए और जांच एजेंसियों के बीच से लाल डायरी छीनकर ले आए।' गुढ़ा ने आगे बताया कि मैंने गहलोत से कहा कि लाल डायरी ले आया हूं, सीएम ने कहा कि इसको जला दो। इसके बाद मैंने बोला कि ठीक है जला देता हूं।

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