जब राजेश खन्ना की वजह से आडवाणी गए थे गांधीनगर, फिर 'काका' के 'शत्रु' बन गए थे 'सिन्हा'

Rajesh Khanna Vs Lal Krishna Advani in 1991: देश की राजधानी दिल्ली की नई दिल्ली लोकसभा सीट पर साल 1991 बेहतरीन अभिनेता राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और बीजेपी के दिग्गज लाल कृष्ण आडवाणी (Advani) के बीच टक्कर हुई जिसमें आडवाणी जीते, फिर 1992 के उपचुनाव में 'काका' की टक्कर शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) से हुई जिसमें राजेश खन्ना के हाथ जीत लगी।

RAJESH KHANNA

नई दिल्ली लोकसभा सीट पर राजेश खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा आमने-सामने थे

मुख्य बातें
  1. 1991 में नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव में लाल कृष्ण आडवाणी और राजेश खन्ना आमने सामने थे
  2. राजेश खन्ना और लालकृष्ण आडवाणी के बीच कांटे की टक्कर हुई पर 'काका' चुनाव हार गए
  3. नई दिल्ली सीट पर 1992 में उपचुनाव में अब राजेश खन्ना के सामने थे शत्रुघ्न सिन्हा पर जीते 'काका'
Rajesh Khanna vs Shatrughan Sinha: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनावी प्रचार जोरों से जारी है चुनाव में ग्लैमर के तड़के की बात करें तो वो भी कम नहीं है बात करें आज से 33 साल पहले के यानी 1991 में नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव (New Delhi Lok sabha Seat 1991) की तो उस वक्त वो चुनाव काफी लोकप्रिय रहा था इसकी वजह यहां बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और बीजेपी के दिग्गज लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) के बीच मुकाबला हुआ था वहीं 1992 में इसी सीट पर उपचुनाव में राजेश खन्ना और बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) भी आमने सामने रहे थे जिसमें 'काका' ने 'शत्रु' को मात दी थी।
साल 1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने नई दिल्ली सीट से अपने वजनदार और बेहद लोकप्रिय नेता लालकृष्ण आडवाणी को इस सीट से मैदान में उतारा था वहीं कांग्रेस ने बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर राजेश खन्ना जिनका जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता था उन्हें टिकट दिया था।

नई दिल्ली सीट पर अब ये मुकाबला हो गया था बेहद दिलचस्प

1991 के लोकसभा चुनाव में राजेश खन्ना और लालकृष्ण आडवाणी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी वैसे तो आडवाणी का अपना जलवा था लेकिन 'काका' के आगे वो कुछ ज्यादा चलता नहीं दिखा और दिल्ली की जनता ने राजेश खन्ना को उस वक्त हाथों हाथ लिया, पर इस सीट पर आडवाणी ने बेहद ही कम वोट अंतराल से जीत हासिल की थी।

आडवाणी ने राजेश खन्ना को हराकर 'बाजी' तो जीत ली पर वो बात नहीं
नई दिल्ली सीट पर लालकृष्ण आडवाणी ने राजेश खन्ना को हराकर बाजी तो जीत ली पर वो बात नहीं रही यानी कि उस वक्त इस सीट पर लालकृष्ण आडवाणी को करीब 93,655 वोट मिले थे,वहीं राजेश खन्ना को 92,064 मिले थे, साफ था दोनों की हार-जीत में कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं था चूंकि लाल कृष्ण आडवाणी ने नई दिल्ली के साथ ही गांधी नगर सीट से भी चुनाव लड़ा था और उन्हें दोनों सीट पर जीत हासिल हुई थी जिस पर उन्होंने नई दिल्ली सीट छोड़ दी और गुजरात की गांधीनगर सीट तो कंटीन्यू किया था।

नई दिल्ली सीट पर 1992 में हुआ था लोकसभा उपचुनाव

नई दिल्ली लोकसभा सीट लालकृष्ण आडवाणी के छोड़ने के बाद खाली थी, इस सीट पर 1992 में उपचुनाव के लिए इस बार भी मैदान में थे कांग्रेस से राजेश खन्ना वहीं बीजेपी ने उनके खिलाफ उनके दोस्त शत्रुघ्न सिन्हा को लड़ा दिया, बताते हैं कि उसके बाद से दोनों की दोस्ती में दरार पड़ गई थी।

शत्रुघ्न सिन्हा को सामने देख राजेश खन्ना को गुस्सा आ गया था!

बताते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा से काका की अच्छी दोस्ती थी पर इस उपचुनाव में सिन्हा को सामने देख उन्हें गुस्सा आ गया था और अपने दोस्त को हमेशा के लिए दुश्मन मान लिया था और उनकी ये दोस्ती टूट गई, हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा था कि मुझे अपने दोस्त के सामने चुनाव लड़ने का पछतावा हुआ था और उन्होंने राजेश खन्ना को कई बाद समझाने की कोशिश की पर बात बनी नहीं।

राजेश खन्ना की सुपरहिट जीत

1992 के लोकसभा उपचुनाव में काका के सामने उनके दोस्त शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी के टिकट पर थे पर राजेश खन्ना का जादू इस बार चल गया और शत्रुघ्न सिन्हा के उपर सुपरहिट जीत दर्ज की, यानी राजेश खन्ना ने शत्रुघ्न सिन्हा को अच्छे मार्जिन से पटखनी दी, राजेश खन्ना ने कुल 101622 मत हासिल कर करीब 28,256 वोटों से उन्हें हराया था फिर राजेश खन्ना इस सीट पर साल 1992 से 1996 तक लोकसभा सदस्य बने रहे।

राजेश खन्ना को भी इस सीट देखना पड़ा 'हार का मुंह'

1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजेश खन्ना को फिर से मैदान में आजमाया वहीं इस बार बीजेपी ने जगमोहन को उनके सामने खड़ा किया था, पर इस लोकसभा चुनाव में राजेश खन्ना 58,315 वोटों के अंतर से जगमोहन से मात खा गए,बताते हैं इसके बाद से राजेश खन्ना का राजनीति से मोहभंग हो गया था।
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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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