अखिलेश की नई रणनीति, विधायक पद छोड़कर दिल्ली की राजनीति में होंगे एक्टिव, मिले साफ संकेत
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव की कमान में चमत्कारिक वापसी कर राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया।
Akhilesh Yadav: लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को चमत्कारिक जीत दिलाने वाले अखिलेश यादव अब नई रणनीति पर काम करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव विधायक पद छोड़ेंगे और दिल्ली की राजनीति में सक्रिय होंगे। बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं। इसके संकेत इस बात से भी मिल रहे हैं कि आज अखिलेश से मिलने टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन पहुंचे। अखिलेश दिल्ली में ही डेरा जमाए हुए हैं।
अखिलेश बोले, जितनी उम्मीदें थीं उतनी सीटें नहीं जीत पाए
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, चुनाव अलग तरीके से होते हैं और सरकारें अलग तरीके से बनती हैं। सरकारें संख्या बल से बनती हैं। हमें जितनी सीटें जीतने की उम्मीद थी, हम जीत नहीं पाए, इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर यह देखा गया कि प्रशासन ने जानबूझकर उम्मीदवारों को हराया। फर्रुखाबाद इसका एक उदाहरण है, वहां का पूरा प्रशासन सरकार के लिए काम कर रहा था।
शिवपाल ने साधा निशाना
इस बीच शिवपाल यादव ने चुनाव नतीजों को लेकर आज भाजपा को निशाने पर लिया। शिवपाल ने कहा कि भाजपा राम के आदर्शों को भूल गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने परिवारवाद नहीं किया है, दूसरे वर्ग के लोगों को भी टिकट दिया है और उन्हें जीत मिली है। खबर है कि अगर अखिलेश दिल्ली का रुख करते हैं तो शिवपाल यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनेंगे।अखिलेश ने किया हैरान
दरअसल, लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव की कमान में चमत्कारिक वापसी कर राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और भारतीय जनता पार्टी द्वारा राम मंदिर निर्माण का मुद्दा प्रमुखता से उठाने के बावजूद सपा का शानदार चुनावी प्रदर्शन जमीनी स्तर पर अखिलेश की लोकप्रियता और उनकी राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है। चुनाव आयोग द्वारा यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर घोषित चुनाव परिणामों के अनुसार सपा ने 37 सीटें जीत ली जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने भी छह सीट पर जीत दर्ज की है।
सपा की स्थापना के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन
सपा की स्थापना के बाद लोकसभा चुनावों में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इसका श्रेय अखिलेश यादव को जाता है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव ने न केवल अपनी पारिवारिक एकता कायम की है, बल्कि 2019 में बसपा से गठबंधन के बावजूद सिर्फ पांच सीटें जीतने वाली सपा ने अकेले (यादव) परिवार में ही पांच सीटें हासिल कर ली हैं। वर्ष 2019 में अकेले 62 सीट पर जीत हासिल करने वाली भाजपा इस बार उप्र में 33 सीटों पर ही सिमट गई।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अमित कुमार मंडल author
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
End of Article
संबंधित खबरें
हरियाणा विधानसभा चुनाव: महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये, जानिए BJP के घोषणापत्र में क्या-क्या वादे
Haryana Elections 2024 : अग्निवीर को सरकारी नौकरी, MSP पर 24 फसलें खरीदने का वादा, BJP के घोषणापत्र की बड़ी बातें
श्रीनगर में कांग्रेस, NC-पीडीपी पर बरसे PM मोदी, बोले-इन्होंने हमारे युवाओं का भविष्य बर्बाद किया
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: पहले चरण में शांतिपूर्ण मतदान, 59 प्रतिशत वोट पड़े
हरियाणा चुनाव : कांग्रेस ने लगाई वादों की झड़ी, जातिगत सर्वेक्षण समेत 7 गारंटी का किया ऐलान
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited