वेणुगोपाल पर निरूपम ने निकाली भड़ास, बोले-हिंदी, अंग्रेजी में वे क्या बोलते हैं समझ में नहीं आता
Sanjay Nirupam : संजय निरूपम ने कहा, इन पांचों के अपने कॉकस और इन पांचों की अपनी लॉबी है। ये पांचों की लॉबी आपस में एक दूसरे से टकराती रहती है और एक दूसरे को मारती रहती है। उसमें बहुत सारे हमारे जैसे लोग जो किसी भी लॉबी का हिस्सा नहीं हैं।
कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित हुए हैं संजय निरूपम।
Sanjay Nirupam : कांग्रेस से छह सालों के लिए निष्कासित होने के बाद संजय निरूपम ने पार्टी को निशाने पर लिया। मुंबई में गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए निरूपम ने कहा कि कांग्रेस में एक दो नहीं बल्कि पांच पावर सेंटर हैं और ये एक-दूसरे से लड़ते हैं। निरूपम ने कहा कि वह वर्षों से धैर्य बनाए हुए थे लेकिन अब उनका धैर्य का बांध टूट गया। कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा कि वैचारिक एवं सांगठनिक दोनों स्तर पर कांग्रेस पार्टी गर्त में जा रही है।निरूपम ने कहा, इन पांचों के अपने कॉकस और इन पांचों की अपनी लॉबी है। ये पांचों की लॉबी आपस में एक दूसरे से टकराती रहती है और एक दूसरे को मारती रहती है। उसमें बहुत सारे हमारे जैसे लोग जो किसी भी लॉबी का हिस्सा नहीं हैं। वो अक्सर तकलीफ में रहते हैं। मैं अकेला नहीं हू। कांग्रेस पार्टी में ऐसे लाखो लोग हैं जो परेशान हैं। सबसे पहले सोनिया गांधी जी का पावर सेंटर है। उनके आस-पास कुछ लोग हैं।'
कांग्रेस अध्यक्ष का अपना पावर सेंटर-निरूपम
उन्होंने कहा, 'दूसरा आदरणीय राहुल गांधी जी का अपना एक पावर सेंटर है। उनके आस-पास भी एक कोटरी है। यह कोटरी अपनी दुकान चलाती रहती है। एक लॉबी बहन जी की है जो बीच-बीच में अपनी ताकत दिखाती रहती हैं। एक अध्यक्ष महोदय हैं। उनका भी एक पावर सेंटर बन गया है। अध्यक्ष जी के पास तो ऐसे-ऐसे लोग हैं जिनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है। ऐसे लोग अचानक उनके साथ जुड़कर हाई कमान बन गए हैं। ये लोग ऐसी भाषा का प्रयोग करते हैं जिनके बारे में बताया नहीं जा सकता।'
'वेणुगोपाल की हिंदी, अंग्रेजी समझ में नहीं आती'
निरूपम ने कहा, 'आखिरी एक पावर सेंटर है संगठन महासचिव वेणुगोपाल जी का। यह भी पावर सेंटर बना हुआ है। वह भी अपने ढंग से अपनी राजनीति करते हैं। वह हिंदी बोलते हैं, समझ में नहीं आता। अंग्रेजी बोलते हैं समझ में नहीं आता। मलयालम मुझे आती नहीं। एक ऐसा आदमी वर्षों से इतने अहम पद पर बैठा हुआ है और संगठन लगातार गर्त में जा रहा है। संगठन बुरे हाल में है। कांग्रेस में इन लॉबियों में जो टकराव चल रहा है उससे राज्यों में कांग्रेस के जो अच्छे नेता हैं, वे परेशान हो रहे हैं, उनका कष्ट बढ़ता जा रहा है।'
मेरा धैर्य टूट गया-निरूपम
उन्होंने कहा, 'पिछले चार-पांच वर्षों से मैंने इन सब चीजों को बहुत ही गंभीरता से महसूस किया है। मैंने धैर्य रखा था लेकिन यह अब टूट गया। वैचारिक द्वंद्व की वजह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा एवं नाराजगी बनी हुई है। यू हीं चलता रहा है तो आगे चलकर बहुत बिगड़ जाएगा। कांग्रेस ऐसा क्यों कर रही है। वह एकदम से संगठनात्मक रूप से बिखरी हुई है। वैचारिक रूप से दिशाहीन हो चुकी है। पहले कांग्रेस में एक पावर सेंटर और उसका एक कॉकस, कोटरी और दरबारी हुआ करते थे। इसके खिलाफ लोग लड़ा करते थे। अभी पांच पावर सेंटर हैं।'
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