Maharashtra: एमवीए में आखिर पड़ ही गई दरार! उद्धव ठाकरे ने BMC चुनाव अकेले लड़ने का बनाया प्लान

BMC Elections: क्या महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के गठबंधन महाविकास अघाडी (एमवीए) में दरार पड़नी शुरू हो गई है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 'एकला चलो रे' की नीति अपनाई है। संजय राउत ने बताया है कि शिवसेना (यूटीबी) बीएमसी चुनाव अकेले लड़ सकती है।

उद्धव ठाकरे की शिवसेना क्या अकेले लड़ेगी बीएसी चुनाव?

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों काफी उलटफेर देखने को मिल रही है। कुछ दिन पहले ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी, अब बीएमसी चुनाव को लेकर उद्धव की पार्टी ने नया फंडा तैयार किया है। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से कई बार ये संकेत मिल रहे हैं कि विपक्षी दलों के गठबंधन महाविकास अघाडी (एमवीए) में सबकुछ ठीक नहीं है। इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने शनिवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का चुनाव अकेले लड़ सकती है।

बीएमसी चुनाव में अकेले ताल ठोकने का प्लान बना रहे उद्धव ठाकरे

संजय राउत ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी कार्यकर्ता स्थानीय निकाय चुनावों में संगठन के अकेले लड़ने पर जोर दे रहे हैं क्योंकि लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार दावेदार अधिक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे और अन्य पार्टी नेताओं के बीच बीएमसी चुनाव (अकेले लड़ने को लेकर) बातचीत जारी है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े।’’

लगातार 25 वर्ष तक बीएमसी पर था अविभाजित शिवसेना का कब्जा

बीएमसी पर अविभाजित शिवसेना का 1997 से 2022 तक लगातार 25 वर्ष नियंत्रण था। बीएमसी के पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 की शुरुआत में समाप्त हो गया था। राउत ने कहा कि मुंबई में पार्टी की ताकत निर्विवाद है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें मुंबई में (विधानसभा चुनावों के दौरान) लड़ने के लिए और सीट मिलतीं तो हम उन्हें जीत लेते।’’ राउत ने दावा किया कि मुंबई को जीतना जरूरी है, अन्यथा यह शहर महाराष्ट्र से अलग हो जाएगा।

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