यूं SP के हुए शिवपाल: Audi कार से PSP का झंडा हटवा लगवाया साइकिल वाला फ्लैग, बोले- अब यही रहेगा, 2024 में लड़ेंगे साथ

Mainpuri Bypolls Results 2022: यादव ने इससे पहले दिन में कहा था- मैनपुरी में सरकार ने जो अधिकारियों को आदेश दिए थे कि कम से कम वोट पड़ने देना है उसे चुनौती की तरह लेते हुए जनता ने नेताजी के आदर्शों और विकास पर जो प्यार देते हुए वोट किया है। इससे सारे रिकॉर्ड टूट गए।

shivpal audi car flag

प्रसपा का सपा में विलय कराने के बाद मीडिया से गुरुवार को बाच करते हुए शिवपाल यादव और उनकी ऑडी कार में साइकिल वाला झंडा लगाते कार्यकर्ता। (टि्वटर)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Mainpuri Bypolls Results 2022: अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) नेता शिवपाल सिंह यादव की गुरुवार (आठ दिसंबर, 2022) को सपा में घर वापसी हुई। यूपी के सैफई में भतीजे की मौजूदगी में वह न केवल सपा में शामिल हुए, बल्कि उनकी प्रसपा का सपा में विलय भी हो गया। इस बीच, उनकी ऑडी कार से प्रसपा का झंडा हटाकर कार्यकर्ताओं ने सपा का झंडा लगाया। रोचक बात है कि वह सपा में ऐसे समय पर लौटे, जब मैनपुरी उपचुनाव के नतीजे आए और बहू डिंपल यादव इसी सीट से बड़ी जीत की ओर थीं।
मीडिया से बातचीत के दौरान शिवपाल ने कहा- आज से हम दोनों (प्रसपा और समाजवादी पार्टी) एक हो गए हैं। हमने प्रसपा (लोहिया) का सपा में विलय कर लिया है। हम सही समय का इंतज़ार करे थे। आज से हमारी गाड़ी में समाजवादी पार्टी का झंडा लगा रहेगा। हम 2024 में मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
यादव ने इससे पहले दिन में कहा था- मैनपुरी में सरकार ने जो अधिकारियों को आदेश दिए थे कि कम से कम वोट पड़ने देना है उसे चुनौती की तरह लेते हुए जनता ने नेताजी के आदर्शों और विकास पर जो प्यार देते हुए वोट किया है। इससे सारे रिकॉर्ड टूट गए।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की खबर के मुताबिक, साइकिल वाला फ्लैग अखिलेश ने चाचा को दिया था। सपा के सूत्रों ने बताया कि अखिलेश के दिए गए इसी झंडे को शिवपाल की गाड़ी पर लगा दिया गया। हालिया घटनाक्रम से साफ है कि अखिलेश-शिवपाल ने सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे की तरफ कदम बढ़ा लिए।
दरअसल, सितंबर 2016 में तत्कालीन सीएम अखिलेश और कबीना मंत्री रहे शिवपाल में पार्टी और सरकार में वर्चस्व की जंग छिड़ गई थी। जनवरी 2017 में अखिलेश सपा चीफ बना दिए गए थे, जिसके बाद शिवपाल पार्टी में हाशिये पर चले गए थे। सपा में ‘सम्मान’ न मिलने का आरोप लगाते हुए शिवपाल ने अगस्त 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया का गठन कर लिया था।
शिवपाल ने आगे साल 2019 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट का चुनाव सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के खिलाफ लड़ा था। हालांकि, वह जीत नहीं सके थे, लेकिन उन्हें 90 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जिसे सपा प्रत्याशी की हार की बड़ी वजह माना गया था। शिवपाल ने इस साल की शुरुआत में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर सीट से सपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा था और उसमें जीत हासिल की थी। मगर उसके बाद अखिलेश से फिर से उनका मनमुटाव शुरू हो गया था। वैसे, मुलायम के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल ने गिले-शिकवे भुलाकर अखिलेश की पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के पक्ष में जबरदस्त प्रचार किया था।
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अभिषेक गुप्ता author

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