कौन हैं प्रेम सिंह तमांग? महज 11 साल पहले बनाई पार्टी और दूसरी बार बनने जा रहे सिक्किम के CM, हासिल की प्रचंड जीत

Who Is Sikkim CM Prem Singh Tamang: आइए जानते हैं कौन हैं प्रेम सिंह तमांग? सिक्किम की राजनीति में उनका उदय कैसे हुआ? उनकी पार्टी एसकेएम कैसे राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और लगातार 24 साल तक सत्ता में रहने वाले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को उन्होंने कैसे सत्ता से बाहर किया?

Prem Singh Tamang.

Prem Singh Tamang.

Who Is Sikkim CM Prem Singh Tamang: सिक्किम में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) की वापसी हो गई है। चुनाव आयोग की ओर से जारी परिणामों में एसकेएम को प्रचंड जीत मिली है। 32 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में एसकेएम ने 31 सीटों पर जीत हासिल कर ली है इसी के साथ यह भी तय हो गया है कि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग लगातार दूसरी बार अपने कार्यकाल के लिए तैयार हैं।

आइए जानते हैं कौन हैं प्रेम सिंह तमांग? सिक्किम की राजनीति में उनका उदय कैसे हुआ? उनकी पार्टी एसकेएम कैसे राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और लगातार 24 साल तक सत्ता में रहने वाले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को उन्होंने कैसे सत्ता से बाहर किया?

कौन हैं प्रेम सिंह तमांग?

प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 में हुआ था। उन्होंने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की और इसके बाद एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया। हालांकि, तीन साल नौकरी करने के बाद प्रेम सिंह तमांग ने समाज सेवा के लिए त्याग पत्र दे दिया और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) में शामिल हो गए। यहीं से उनका राजनीतिक करियर परवान चढ़ा और 1994 से वे लगातार पांच बाद सिक्किम विधानसभा के सदस्य चुने गए। 2009 तक तमांग ने एसडीएफ सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी काम किया।

2009 में बनाई खुद की पार्टी

2009 में जब एसडीएफ लगातार चौथी बार सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने उन्हें सरकार में मंत्री पद देने से इंकार कर दिया। यहीं से एसडीएफ से प्रेम सिंह तमांग की दूरी बढ़ती गई और बाद में उन्होंने एसडीएफ से इस्तीफा दे दिया और 2013 में अपना नया दल सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाया। इसके अगले ही साल 2014 राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 10 सीटों पर जीत हासिल कर ली। वहीं, 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 17 सीटें हासिल करके एसडीएफ को सत्ता से बाहर कर दिया और राज्य के मुख्यमंत्री बने।

2016 में गए जेल

प्रेम सिंह तमांग को 1994 और 1999 में सरकारी पैसे की हेराफेरी के लिए दोषी ठहराया गया था, जिस कारण उनको विधानसभा की सदस्यता से बेदखल कर दिया गया। इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। तमांग राज्य के पहले राजनेता थे, जिन्हें सजा मिलने के बाद विधानसभा की सदस्यता से निलंबित किया गया था। जब 2018 में सजा काटकर तमांग जेल से बाहर आए तो उन्हें बड़ा जनसमर्थन भी मिला।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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