यूपी में कांग्रेस-सपा के बीच सीट शेयरिंग पर मंथन जारी, Congress की डिमांड पर अखिलेश कितने तैयार?
SP-Congress Seat Sharing: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को विश्वास जताया कि विपक्ष दलों के गठबंधन इंडिया के घटकों के बीच सीट बंटवारे की बातचीत में कोई गड़बड़ी नहीं होगी।
यूपी सीटों पर मंथन
SP-Congress Seat Sharing: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इंडिया गठबंधन में मंथन का दौर तेज है। गठबंधन की नजर खास तौर पर उत्तर प्रदेश पर है जहां 80 लोकसभा सीटें हैं। यहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा का दौर चल रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे की तीसरे दौर की बातचीत में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सहयोगियों के साथ 20 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। इसमें यूपी में उसके सभी सहयोगियों कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल और अपना दल (कमेरावादी) को मिलाकर 20 से अधिक सीटें।
सपा 78 सीटों पर लड़ने को तैयार
सूत्रों के मुताबिक, सपा नेताओं ने एनएसी सदस्यों को बताया कि पार्टी 80 में से 78 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। 2019 चुनाव में कांग्रेस सोनिया गांधी की रायबरेली सीट तक सिमट कर रह गई थी। एनएसी सदस्य सलमान खुर्शीद ने कहा कि नेताओं ने जीत की सभी संभावनाओं पर गौर किया और उम्मीद है कि राहुल गांधी की यात्रा के यूपी पहुंचने से पहले सीट-बंटवारे का फॉर्मूला तैयार हो जाएगा।
अखिलेश को सीट बंटवारे का पूरा भरोसा
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को विश्वास जताया कि विपक्ष दलों के गठबंधन इंडिया के घटकों के बीच सीट बंटवारे की बातचीत में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुआ विवाद अब अतीत की बात है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने निजी यात्रा के दौरान पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा के बीच आज इस बात पर चर्चा हुई कि इंडिया गठबंधन में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। मुझे विश्वास है कि सीटों का बंटवारा उचित होगा। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और हमारे सहयोगी मिलकर उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराएंगे।
मध्य प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस व सपा के बीच समझौता नहीं हो पाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, वह खत्म हो गया है। यह पुरानी बात है और हमें इस पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। हम आगे बढ़ रहे हैं और आगे की सोच रहे हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित थे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह बसपा सुप्रीमो मायावती से नाराज हैं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, मैं किसी व्यक्ति से नाराज नहीं हूं।
रामराज्य का ये मतलब समझाया
उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा यह है कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग) को सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच्चा 'राम राज्य' तभी आएगा जब पीडीए के लोगों का सम्मान किया जाएगा। उनके बीच निरक्षरता और असमानता को दूर किया जाना चाहिए। अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर उनके विचार पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि दिन अच्छा है। हम उम्मीद करते हैं कि जो लोग इसका प्रचार कर रहे हैं , उन्हें कम से कम यह तो सोचना चाहिए कि राम राज्य क्या होता है। हमारे लिए राम राज्य वह है जो संविधान के अनुसार चले।
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