कहानी खानदानी इंदौरी धरतीपकड़ सिंह की, 18 बार जमानत हो चुकी है जब्त, 19वीं बार फिर उतरे; पिता भी थे बड़े 'खिलाड़ी'

​तोलानी का परिवार दो पीढ़ियों से लगातार चुनाव लड़ने के लिए मशहूर है और हर बार इसके सदस्यों की जमानत जब्त हुई है। इंदौर में एक प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले उनके पिता मेठाराम तोलानी ने अपने जीवनकाल में 30 साल तक लगातार अलग-अलग चुनाव लड़े थे।

Indori dhartipakar singh

इंदौरी धरतीपकड़ सिंह ने 19वीं बार भरा नामांकन

राजनीति में एक से एक नेता रहे हैं, कई के नाम न हारने के रिकॉर्ड रहे हैं, लेकिन भारत की राजनीति में कई ऐसे नेता हैं, जिन्हें लगता है कि हारने का शौक है। ऐसे नेता धरतीपकड़ सिंह के नाम से जाने जाते हैं, ऐसे ही एक खानदानी धरतीपकड़ सिंह हैं, जो इंदौर के रहने वाले हैं। इन्हें इदौरी धरतीपकड़ बोला जाता है। इंदौरी धरतीपकड़ सिंह 18 बार चुनाव हार चुके हैं और 19वीं बार मैदान में हैं।

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तीन दशक से चुनावी मैदान में

तीन दशक के दौरान हुए अलग-अलग चुनावों में एक-दो दफा नहीं, बल्कि 18 बार जमानत जब्त होने के बावजूद इंदौर के परमानंद तोलानी ने हिम्मत नहीं हारी है। इंदौरी धरतीपकड़ के नाम से मशहूर 63 वर्षीय तोलानी ने एक बार फिर जीत के अरमान और खानदान की परंपरा को निभाते हुए 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पर्चा भर दिया है।

हार से बढ़ता है उत्साह

तोलानी, पेशे से रीयल एस्टेट कारोबारी हैं। उनका कहना है कि जमानत जब्त होने से चुनाव लड़ने के उनके उत्साह पर कोई फर्क नहीं पड़ता। हर हार के साथ उनका आत्मविश्वास और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि इंदौर की जनता बहुत समझदार है। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह मुझे एक न एक बार चुनाव जरूर जिताएगी।

इन वादों के सहारे मैदान में

तोलानी ने इस बार मतदाताओं से उनका वादा है कि चुनाव जीतने पर वह 1000 वर्ग फुट तक के क्षेत्रफल वाली इमारतों पर उन्हें संपत्ति कर से पूरी छूट दिलाएंगे और घर से कचरा उठाने के बदले नगर निगम द्वारा वसूला जाना वाला शुल्क भी माफ कराएंगे।

खानदानी है परंपरा

तोलानी का परिवार दो पीढ़ियों से लगातार चुनाव लड़ने के लिए मशहूर है और हर बार इसके सदस्यों की जमानत जब्त हुई है। इंदौर में एक प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले उनके पिता मेठाराम तोलानी ने अपने जीवनकाल में 30 साल तक लगातार अलग-अलग चुनाव लड़े थे। 1988 में पिता के निधन के बाद 1989 से परमानंद तेलगी ने चुनाव लड़ना शुरू कर दिया था। तोलानी परिवार की अगली पीढ़ी भी चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हो रही है। तोलानी की बेटी निशा भी भविष्य में ऐसी लड़ाई का संकेत दे चुकी हैं।

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शिशुपाल कुमार author

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