हेट स्पीच का आरोप: पीएम मोदी को चुनाव लड़ने से रोकने वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी को चुनाव लड़ने से रोकने वाली याचिका सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इसमें उनके कथित नफरत भरे भाषण का मामला उठाया गया था।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान कथित नफरत भरे भाषण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव से रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान विशेष रूप से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों द्वारा किए गए कथित नफरत भरे भाषणों को लेकर चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली एक अन्य याचिका भी खारिज कर दी।
अधिकारियों से संपर्क करने को कहाजस्टिस विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ता से शिकायत के निवारण के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने को कहा। पीठ ने कहा, क्या आपने अधिकारियों से संपर्क किया है? आदेश के लिए आपको पहले अधिकारियों से संपर्क करना होगा। याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली और मामला वापस लिया गया मानते हुए खारिज कर दिया गया।
पीठ ने कहा कि वह याचिका वापस लेने की इजाजत दे सकती है। इस पर, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शिकायत को ईसीआई के पास उठाने की स्वतंत्रता दी जाए। लेकिन अदालत ने वो छूट भी नहीं दी और इसे खारिज कर दिया। दिल्ली स्थित याचिकाकर्ता फातिमा ने कहा कि चूंकि ईसीआई प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, इसलिए वह मजबूरी में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा रही हैं।
याचिका में आरोप लगाया गया कि पीएम मोदी ने न केवल हिंदू और सिख देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे, बल्कि विरोधी राजनीतिक दलों के खिलाफ मुसलमानों का पक्ष लेने वाली टिप्पणियां भी कीं। इससे पहले अप्रैल में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कुछ इसी तरह की याचिका खारिज कर दी थी।
शीर्ष अदालत अधिवक्ता आनंद एस जोंधले के माध्यम से फातिमा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मोदी को छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने को लेकर निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
महाराष्ट्र में मिली करारी हार के बाद पूर्व CJI चंद्रचूड़ पर भड़के संजय राउत; लगा दिया ये गंभीर आरोप
अपने चाचा की छाया से बाहर निकले अजित पवार, शरद पवार की पकड़ कैसे पड़ी कमजोर? समझें सारे समीकरण
बसपा अब कभी नहीं लड़ेगी उपचुनाव-BSP प्रमुख मायावती का बड़ा ऐलान, EVM के जरिए धांधली का किया दावा
झारखंड में आज शाम इस्तीफा देंगे हेमंत सोरेन, 10 मंत्रियों के साथ 26 नवंबर को ले सकते हैं शपथ
यूपी की सत्ता में साल 2047 तक सपा के आने की संभावना नहीं; केशव प्रसाद मौर्य ने की ये भविष्यवाणी
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited