Telangana: न रेड्डी, न KCR...BJP के कटिपल्ली की आंधी के आगे उड़े बड़े दावेदार, बने असल बाहुबली

Telangana Assembly Election 2023: तेलंगाना के इस बार के विधानसभा चुनाव में कामारेड्डी विधानसभा सीट समूचे इलेक्शन में "मदर ऑफ ऑल बैटल" रही।

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कटिपल्ली वेंकटरमण रेड्डी। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Telangana Assembly Election 2023: तेलंगाना के चुनावी नतीजों में रविवार (तीन दिसंबर, 2023) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वेंकट रमण रेड्डी ने बड़ा उलटफेर किया है। उन्होंने एक नहीं बल्कि सूबे के दो सबसे प्रमुख और प्रबल दावेदारों को सियासी मैदान में धूल चटाई है। भाजपा कैंडिडेट ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी और राज्य के मुख्यमंत्री केसीआर (भारत राष्ट्र समिति - बीआरएस की तरफ से) को कामारेड्डी विधानसभा क्षेत्र में मात दी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी केसीआर को 6,741 वोटों के अंतर से हराया है।

पत्रकारों से वेंकट रमण रेड्डी ने कहा कि कामारेड्डी को इसलिए पहचान मिली क्योंकि बड़े नेताओं ने इस क्षेत्र में चुनाव लड़ा था। वह आगे बोले, “मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उन दोनों (केसीआर और रेवंत रेड्डी) के खिलाफ जीत मिली। लोग पैसे और शराब के बिना भी आपको वोट देंगे। मैं हमेशा मानता हूं कि लोग भ्रष्ट नहीं हैं, नेता हैं।” उनके मुताबिक, वह केसीआर और रेवंत रेड्डी दोनों को ही प्रतिद्वंद्वी मानते थे।

हालांकि, बीआरएस चीफ और निवर्तमान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने सिद्दीपेट जिले की गजवेल विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी इटाला राजेंद्र को 45,031 मतों के अंतर से हराया। उन्होंने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था। सबसे रोचक बात है कि यह वही केसीआर हैं, जिन्होंने तेलंगाना के गठन का नेतृत्व किया था। सूबे में अच्छी और बड़ी सियासी छवि होने के बाद भी वह लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने से चूक गए।

बीआरएस को लगा यह झटका तेलंगाना से बाहर पार्टी के प्रभाव का विस्तार करने और राष्ट्रीय फलक पर उपस्थिति दर्ज कराने की इसकी महत्वाकांक्षा को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल, तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीआरएस केवल 39 सीटों पर जीत हासिल कर पाई, जबकि कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत दर्ज की।

वैसे, 12वीं तक पढ़े 53 बरस के कटिपल्ली पेशे से कारोबारी हैं। बिजनेस करते-करते वह राजनीति में चले आए और अब उन्होंने दो बड़े दिग्गजों को चुनावी मात देकर सियासी गलियारों में हड़कंप मचाया है। हालांकि, उनके खिलाफ 11 क्रिमिनल रिकॉर्ड्स हैं, मगर उन्हें स्कूल और अस्पताल बनवाने के लिए भी जाना जाता है। चुनावी हलफनामे के मुताबिक, वह 50 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं।

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अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

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