दिल्ली की वो 30 सीटें, जहां है दलित वोटरों का दबदबा; AAP के किले को भेदने के लिए BJP ने बदली रणनीति

दिल्ली में बीजेपी इस बार सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रहा है। आम आदमी पार्टी के खिलाफ बने एंटी इनकंबेंसी को अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी लगातार आक्रमक रूप से काम भी करती दिख रही है।

दलित बहुल 30 सीटों पर बीजेपी की नजर

मुख्य बातें
  • दिल्ली में दलित वोटरों पर बीजेपी की नजर
  • पिछले दो चुनावों से छिटक गए हैं दलित वोटर
  • दलित बहुल 30 सीटों पर बीजेपी की खास रणनीति

ेदिल्ली में विधानसभा के लिए नामांकन शुरू हो चुका है। वोटरों को अपने-अपने पाले में करने के लिए पार्टियां पूरा जोर लगा रही है। इस बार बीजेपी, आप के उन किलों की तोड़ने की कोशिश में हो जहां उसे पिछले कुछ चुनावों झटका लगा है। बीजेपी दिल्ली की उन 30 सीटों पर आप को हराने की तैयारी कर रही है, जहां दलित वोटरों का दबदबा है। पिछले दो चुनावों में बीजेपी को दिल्ली में दलित बहुल ज्यादातर सीटों पर हार मिली है। यही कारण है कि इस बार बीजेपी की रणनीति बदली दिख रही है। एक-एक वोट साधने के लिए एक वोटर तक बीजेपी पहुंचने की कोशिश कर रही है।

बीजेपी की रणनीति

पिछले कुछ महीनों में बीजेपी ने इन 30 निर्वाचन क्षेत्रों की झुग्गियों और अनधिकृत कॉलोनियों में अनुसूचित जाति कार्यकर्ताओं के माध्यम से व्यापक संपर्क अभियान चलाया गया। दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मोहन लाल गिहारा ने कहा कि इन सभी 30 निर्वाचन क्षेत्रों में समुदाय के सदस्यों के बीच केंद्रित संपर्क के लिए अनुसूचित जाति के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को "विस्तारक" के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि ‘विस्तारकों’ ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न इलाकों और आवासीय क्षेत्रों में व्यक्तियों से संपर्क करने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर 10 दलित युवाओं को तैनात किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऐसे 5,600 से अधिक मतदान केंद्रों की पहचान की है, जिनमें से 1,900 से अधिक बूथ पर विशेष ध्यान दिया गया।

End Of Feed