Hot Seat: बड़ा रोचक है महाराष्ट्र के उस्मानाबाद का चुनावी मुकाबला, जानें इस लोकसभा सीट का इतिहास
Lok Sabha Chunav: महाराष्ट्र की उस्मानाबाद लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और अजित पवार की राकांपा के बीच मुकाबला हो रहा है। इस बार की चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प होने वाली है, शिवसेना और एनसीपी टूटने बाद ये पहला लोकसभा चुनाव है, ऐसे में आपको इस सीट का इतिहास बताते हैं।
महाराष्ट्र की उस्मानाबाद सीट का समीकरण समझिए।
History of Osmanabad Seat: बाला साहेब ठाकरे की बनाई हुई शिवसेना में दो फाड़ हो चुका है, एक की कमान उद्धव ठाकरे के पास है तो दूसरी की बागडोर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के हाथों में है। इसी तरह शरद पवार की पार्टी एनसीपी भी दो टुकड़ों में बंट चुकी है। एक के कर्ता-धर्ता अजित पवार हैं, जो दूसरी राकंपा अभी भी शरद पवार के पास है। लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में बड़ी दिलचस्प लड़ाई देखी जा रही है। महाराष्ट्र के उस्मानाबाद सीट से अजित पवार की एनसीपी की लड़ाई उद्धव ठाकरे की शिवसेना से होगी। आपको बताते हैं इस सीट का समीकरण और चुनावी इतिहास।
अर्चना पाटिल vs ओमप्रकाश राजेनिम्बालकर
महाराष्ट्र की उस्मानाबाद लोकसभा सीट पर कभी एक-दूसरे के सहयोगी रहे शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच मुकाबला होगा। शिवसेना (यूबीटी) ने इस सीट से मौजूदा सांसद ओमप्रकाश राजेनिम्बालकर को अर्चना पाटिल के खिलाफ मैदान में उतारा है। अर्चना पाटिल राकांपा उम्मीदवार के तौर पर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कर रही हैं।
बड़ा रोचक है उस्मानाबाद का इतिहास
उस्मानाबाद महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र का सातवां सबसे बड़ा शहर है। हालांकि अब इसे धाराशिव के नाम से जाना जाता है। राज्य सरकार ने जिले का नाम बदलकर धाराशिव कर दिया है, लेकिन निर्वाचन आयोग के रिकॉर्ड में लोकसभा क्षेत्र अभी भी अपने पुराने नाम उस्मानाबाद से जाना जाता है। उस्मानाबाद सीट पर लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा। इस सीट के अंतर्गत उस्मानाबाद, तुलजापुर, ओमेरगा, लोहारा, कलांब, भूम, परांडा और वाशी विधानसभा सीटें आती हैं।
उस्मानाबाद सीट से कब कौन बना सांसद?
वर्ष | नाम | पार्टी |
1952 | राघवेंद्रराव दीवान | कांग्रेस |
1957 | वेंकटराव नलदुर्गकर | कांग्रेस |
1962 | तुलसीराम पाटिल | कांग्रेस |
1967 | तुलसीराम पाटिल | कांग्रेस |
1971 | तुलसीराम पाटिल | कांग्रेस |
1977 | तुकाराम श्रंगारे | कांग्रेस |
1980 | त्र्यंबक सावंत | कांग्रेस |
1984 | अरविंद कांबले | कांग्रेस |
1989 | अरविंद कांबले | कांग्रेस |
1991 | अरविंद कांबले | कांग्रेस |
1996 | शिवाजी कांबले | शिवसेना |
1998 | अरविंद कांबले | कांग्रेस |
1999 | शिवाजी कांबले | शिवसेना |
2004 | कल्पना नरहिरे | शिवसेना |
2009 | पदमसिंह पाटिल | राकांपा |
2014 | रवीन्द्र गायकवाड | शिवसेना |
2019 | ओमप्रकाश राजेनिम्बलकर | शिवसेना |
ओमप्रकाश राजेनिम्बालकर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राकांपा के उम्मीदवार राणा जगजीत सिंह पाटिल को भारी मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। शिवसेना (यूबीटी) नेता के अनुसार, वह लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं को सुनकर उनका हल निकालते हैं, जिससे वह लोगों के प्रिय बन गए हैं।
क्या बोले सांसद ओमप्रकाश राजेनिम्बालकर?
राजेनिम्बालकर ने कहा, 'मैं जमीनी स्तर पर जा कर लोगों से बातचीत करता हूं, उनके लिए मेरा फोन हमेशा उपलब्ध रहता है और लोग छोटी-छोटी चीजों के लिए भी मुझे कॉल करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि मैं उनके लिए काम करता हूं और उनकी मदद करूंगा।' राजेनिम्बालकर ने कहा कि उनके पास चीनी कारखाने या कॉलेज नहीं हैं, इसलिए उनका समय पूरी तरह से अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए समर्पित है।
उन्होंने कहा, 'पिछले चुनाव में हम (अविभाजित शिवसेना) भाजपा के साथ थे, इसलिए उन्हें लगता है कि मैं मोदी लहर के कारण जीता, लेकिन इन पांच सालों में मैंने लोगों के लिए काम किया है, उनसे बातचीत की है। मैं लोगों से मुझे जिताने का आग्रह करता हूं ताकि वे जान सकें कि यह सब मेरी कड़ी मेहनत के कारण है।'
अर्चना पाटिल को जीत का है भरोसा
राजेनिम्बालकर का मुकाबला राकांपा की अर्चना पाटिल से है। वह राकांपा से भाजपा में गए, तुलजापुर के विधायक राणा जगजीतसिंह पाटिल की पत्नी हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के साथ बने महायुति गठबंधन का हिस्सा है। पहली बार चुनाव लड़ रहीं अर्चना पाटिल को महिला मतदाताओं पर भरोसा है कि वह उनके पक्ष में मतदान करेंगी।
उन्होंने कहा, 'एक महिला यहां से 33 प्रतिशत आरक्षण के बिना चुनाव लड़ रही है और यह लोकसभा सीट देवी तुलजा भवानी का घर भी है। महायुति महिलाओं का सम्मान करती है और उसने मुझे मैदान में उतारा है। मुझे पूरा विश्वास है कि महिलाएं बड़ी संख्या में मेरे लिए मतदान करने आएंगी।'
उस्मानाबाद जिले का गुणा-गणित समझिए
साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, उस्मानाबाद जिले की जनसंख्या 16,57,576 है, जिसमें 8,61,535 पुरुष और 7,96,041 महिलाएं हैं। मुख्य रूप से कृषि प्रधान आबादी वाला उस्मानाबाद पानी की कमी से जूझ रहा है और स्थानीय लोगों का कहना है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में औद्योगिक विकास नहीं हुआ है। तुलजा भवानी मंदिर के लिए प्रख्यात उस्मानाबाद में दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं।
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