छिंदवाड़ा में आसान नहीं है कमलनाथ की राह, कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर; समझिए गणित

Madhya Pradesh: छिंदवाड़ा में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है, ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या कमलनाथ अपने गढ़ में 'कमल' को खिलने से रोक पाएंगे? भाजपा ने विवेक बंटी साहू को कमलनाथ के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है। इस बार का मुकाबला रोचक होगा।

भाजपा के विवेक बंटी साहू और कांग्रेस के कमलनाथ के बीच टक्कर।

MP Chunav News: मध्य प्रदेश में मार्च 2020 में बीच में ही मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपनी पार्टी को फिर से सत्ता में लाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें अपने गढ़ छिंदवाड़ा में इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कड़ी चुनौती मिल रही है। छिंदवाड़ा के निवर्तमान विधायक कमलनाथ (76) का 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू से मुकाबला है। कमलनाथ खुद को ‘हनुमान भक्त’ के रूप में पेश करते हैं जबकि साहू ‘शिवभक्त’ के रूप में जाने जाते हैं। इन दोनों के बीच 2018 के विधानसभा चुनाव में भी टक्कर हुई थी और कमलनाथ ने 25,837 मतों के अंतर से साहू को पराजित कर दिया था। तब से साहू अपनी हार का बदला लेने की कोशिश में हैं। उन्हें भाजपा ने इस चुनाव में भी अपना प्रत्याशी बनाया है और पार्टी ने अपनी पूरी संगठनात्मक मशीनरी उनके साथ लगा दी है।

छिंदवाड़ा में कितने मजबूत हैं कमलनाथ के प्रतिद्वंदी?

भाजपा उम्मीदवार साहू छिंदवाड़ा जिले में पार्टी के युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष हैं और उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में किस जाति और धर्म के करीब-करीब कितने मतदाता हैं। चुनाव में कमलनाथ को औंधे मुंह गिराने के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस बात की पूरी संभावना है कि कमलनाथ कांग्रेस के जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री बनेंगे। छह महीने पहले भाजपा की जिला इकाई ने एक वाहन पर दूरबीन रखकर अभियान चलाया था और कहा था कि वह कमलनाथ को ढूंढ़ रही है जो पिछला चुनाव जीतने के बाद छिंदवाड़ा से 'गायब' हो गए हैं। अपने इस अभियान से भाजपा ने यह बात साबित करने की चेष्टा की थी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जीत के बावजूद अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम नहीं कर रहे हैं।

क्या है छिंदवाड़ा में चुनावी नतीजों का इतिहास?

कई लोग महसूस करते हैं कि भाजपा के इस कदम का लक्ष्य कमलनाथ को छिंदवाड़ा में ही सीमित रखने का है। दरअसल, छिंदवाड़ा में 1957 से अब तक के 16 चुनावों में भाजपा केवल तीन बार चुनाव जीत पाई है जबकि कांग्रेस 13 बार विजयी रही है। दोनों ही प्रत्याशी छिंदवाड़ा के मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपने धार्मिक रुझान के बारे में शेखी बघारते हैं। छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और दोनों ही निर्वाचन क्षेत्र इसी नाम से जाने जाते हैं। मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के चेहरे कमलनाथ खुद को ‘संकटमोचन’ हनुमान का भक्त दिखाने का कोई मौका नहीं जाने दे रहे। उन्होंने छिंदवाड़ा में हनुमान की 102 फुट से अधिक ऊंची प्रतिमा लगवाई थी।

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