यूपी के दो बड़े क्षत्रीय नेता जल्द दिखेंगे भाजपा के मंच पर, पूर्वांचल को साधने के लिए बीजेपी ने बनाया खास प्लान
Lok Sabha Election 2024:उत्तर प्रदेश में तीन चरण के चुनाव के बाद भाजपा अब अपने सियासी रणनिति में कुछ बदलाव करने जा रही है। इनमें एक तरफ जहां चुनावी मुद्दों में कुछ बदलाव होगा तो वही दूसरी तरफ अलग-अलग इलाकों के बड़े चेहरों को भी या तो पार्टी में शामिल कराया जाएगा। इस लिस्ट में सबसे ऊपर राजा भैया और धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी का नाम शामिल है।
रघुराज प्रताप सिंह और धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी जल्द दिखेंगे बीजेपी के मंच पर
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में तीन चरण के चुनाव के बाद भाजपा अब अपने सियासी रणनिति में कुछ बदलाव करने जा रही है। इनमें एक तरफ जहां चुनावी मुद्दों में कुछ बदलाव होगा तो वही दूसरी तरफ अलग-अलग इलाकों के बड़े चेहरों को भी या तो पार्टी में शामिल कराया जाएगा, या उन्हें मंच पर लाकर बड़ा संदेश देने की कोशिश होगी। इसी कड़ी में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पूर्वांचल के ठाकुरों को साधने के लिए दो बड़े क्षत्रीय क्षत्रप भाजपा के मंच पर जल्द दिखाई देंगे। पहला राम कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को है तो दूसरा नाम बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी का है।
राजा भैया ने अमित शाह से की थी मुलाकात
कुछ ही दिनों पहले राजा भैया ने बेंगलूरू में जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही इस बात के कयास लगने शुरु हो गाए थे कि जल्द ही राजा भैया भाजपा के साथ आ सकते है। हालांकि अब सूत्रों का दावा है कि कल यानी 12 मई को राजा भैया प्रतापगढ़- कौशांबी की लोकसभा की किसी एक जनसभा में अमित शाह के मंच पर राजा भैया दिखाई दे सकते है। इसी तरह चर्चा इस बात की है कि 14 या 15 मई को जौनपुर लोकसभा की किसी जनसभा में धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी भी अमित शाह के साथ मंच साझा कर सकती है।
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सूत्रों का दावा है कि 10 मई को धनंजय सिंह ने अमित शाह से मुलाकात की। दोनों के बीच करीब 40 मिनट की बातचीत भी हुई। इस मुलाकात में ही तय हुआ कि धनंजय सिंह की पत्नी भाजपा के मंच पर होंगी। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी जिला पंचायत अध्यक्ष भी है और इस बार बसपा के टिकट पर जौनपुर से चुनावी मैदान में ही उतरी थी, लेकिन आखिरी वक्त में नामांकन वापस ले लिया था।
ठाकुर समाज के वोटों में लग सकती थी सेंध
सियासी जानकार मानते है कि धनंजय की पत्नी अगर चुनाव लड़ती हैं तो सीधे तौर पर बीजेपी को नुकसान होता और ठाकुर समाज के वोटों में सेंध लगती। धनंजय की पत्नी के चुनाव मैदान में आने की स्थिति में ठाकुरों का वोट बड़े पैमाने पर बंट सकता था। धनंजय सिंह अगर पाला बदलते हैं और बीजेपी को समर्थन करते तो भाजपा की ना सिर्फ चुनौतियां कम होंगी, बल्कि अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले कई सीटों पर बढ़त मिलने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
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पूर्वांचल की राजनीति में धनंजय सिंह एक बड़े चेहरे के तौर पर पहचाने जाते हैं। पूर्वांचल में जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर,वाराणसी, देवरिया और मऊ जैसे जिले शामिल हैं। दो बार के विधायक और पूर्व सांसद धनंजय का इन इलाकों में मजबूत पकड़ बताई जाती है। बताया जा रहा है कि भाजपा पूर्वांचल को साधने के लिए ठाकुर नेताओं के लॉबी का सहारा लेने की तैयारी में है। हाल में ही बस्ती के राज किशोर सिंह बीजेपी में आ गए। अभय सिंह ना सिर्फ बीजेपी आए, बल्कि उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा भी दी गई।
राजा भैया कर सकते है बीजेपी के पक्ष में प्रचार
इसी के साथ राजा भैया को लेकर भी चर्चा है। राजा भैया का लोकसभा क्षेत्र प्रतापगढ़ और कौशांबी में खासा दबदबा माना जाता है। विधायक विनोद सरोज जो बाबागंज से विधायक हैं। वह दोनों क्षेत्र कौशांबी लोकसभा के अंतर्गत आते हैं और दोनों भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को हराकर के विधायक बने हैं। रघुराज प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश की तमाम सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश के राजपूत समाज में उनकी अच्छी खासी पैठ मानी जाती है। इस बार भले ही जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने कौशांबी में अपने उम्मीदवार न उतारे हों लेकिन इतना तय है कि रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के मौन रहने से अधिक फायदा भाजपा को तब होगा जब रघुराज प्रताप सिंह बीजेपी के पक्ष में प्रचार करें। इसी लिए तैयारी राजा भैया को भी भाजपा के मंच पर लाने की है।
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विनोद मिश्रा author
दिल्ली से लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ में करीब दो दशक से टीवी पत्रकारिता कर रहें है। यूपी की सियासत की...और देखें
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