समझिए भाजपा संगठन और सरकार के समन्वय ने कैसे लिखी यूपी के 7 सीटों के जीत की पटकथा

UP By Election: यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल माने जाने वाला यह उप चुनाव भाजपा संगठन और सरकार के बेहतर समन्वय के कारण जीत की पटकथा लिखने में कामयाबी हासिल की है। आइए समझते है भाजपा का पूरा गणित जिसने प्रदेश में हुए उपचुनाव में पार्टी को बड़ी जीत दिलाई है।

यूपी के 7 सीटों पर भाजपा ने दर्ज की जीत

UP By Election: उत्तर प्रदेश की 9 सीटों में हुए उपचुनाव के परिणाम आ गए हैं। भाजपा ने छह तो सहयोगी दल रालोद ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। 2027 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल माने जाने वाला यह चुनाव भाजपा संगठन और सरकार के बेहतर समन्वय के कारण जीत की पटकथा लिखने में कामयाबी हासिल की है। उपचुनाव को लेकर जहां प्रत्येक विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं मोर्चा संभाला और सभी सीटों पर सभाएं व प्रचार कर भाजपा की जीत की राह को आसान बनाया वहीं संगठन ने भी 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष द्वारा फैलाए गए झूठ और मतदाताओं को भ्रमित करने के जाल की काट के लिए बूथ स्तर पर प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने की योजना बनायी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने उपचुनाव वाली प्रत्येक विधानसभा में छोटी-छोटी बैठकें कर कार्यकर्ताओं के माध्यम से समाजवादी पार्टी के पीडीए को परिवार डेवलेपमेंट एथार्टी बताते हुए उनको झूठा बताया। संगठन ने ऐसी रणनीति बनायी की सभी जातियों को एक जुट कर भाजपा के पक्ष में मतदान हो।

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भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि इसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के हर वर्ग और जाति के नेताओं को सक्रिय कर हर जाति के मतदाता तक यह पहुंचाने का काम किया कि उनकी सच्ची हितैषी भाजपा ही है। संगठन आम मतदाताओं तक यह बात पहुंचाने में सफल रहा कि सपा केवल धोखा देकर वोट लेती है लेकिन दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित के लिए मोदी-योगी सरकार ने ही काम किये है। उन्होंने बताया कि भाजपा संगठन ने अपने समर्थित मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने के लिए भी बड़ी योजना बनायी। इसके लिए पार्टी ने बूथ अध्यक्ष और पन्ना प्रमुखों को यह जिम्मेदारी दी कि पार्टी के समर्थित हर मतदाता को मतदान वाले दिन बूथ तक पहुंचाना है और पार्टी इसमें सफल भी रही यही कारण रहा कि भाजपा उपचुनाव में प्रदेश में 52 प्रतिशत से अधिक मत पाने में सफल रही।

जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता लगातार जनसभाएं कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाकर मतदाताओं से कमल के फूल पर वोट देने की अपील करते रहे, वहीं पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह हर विधानसभा क्षेत्र में विधान सभा के संचालन टोली, मंडल अध्यक्षों, प्रभारियों और बूथ अध्यक्षों व पन्ना प्रमुखों के साथ छोटी-छोटी बैठकें कर इंडिया गठबंधन की जाति की राजनीति और झूठ फरेब का करारा जबाब देकर भाजपा की जीत की राह आसान बनाने के लिए रणनीति बनाया। इसका परिणाम रहा कि भाजपा प्रत्येक बूथ पर विपक्ष को चुनौती देती नजर आयी। पूरे चुनाव के दौरान भाजपा के राज्य मुख्यालय पर एक वॉररूम बनाया गया था जो सभी उपचुनाव पर अपनी नजर रखे हुए था। साथ ही लाभार्थी मतदाता, किसान, युवा, महिला, दलित और पिछडे वर्ग के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए भी पार्टी ने व्यापक रणनीति बनाकर काम किया। पूरे उपचुनाव को पार्टी ने गंभीरता से लिया। आम मतदाताओं तक पार्टी कार्यकर्ताओं 5 से 6 बार संपर्क करने के लिए घर-घर तक पहुंचे।

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