UP Nikay Chunav: सीएम योगी की गर्जना कहा-अब माफिया पर दो बूंद आंसू बहाने वाले भी नहीं-Video
UP Mafia: सीएम योगी ने कहा कि याद करना कि आज निकलने वाली भर्तियों में शामली का नौजवान भी भर्ती होता है पर 2017 से पहले शामली-मुजफ्फरनगर के नौजवानों की भर्ती नहीं होती थी।
मुख्य बातें
- बेटियां कहती हैं-जब बाबा सीएम हैं तो डर काहे का
- योगी ने किया आह्वान, कर्फ्यू लगवाने वाले आएंगे पर उनकी न सुनना
- सीएम बोले-गुंडा टैक्स वसूलने वालों की गर्मी अब शांत हो गई
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो माफिया-अपराधी धमकी देते थे, आज आप देख रहे होंगे कि वे सब अब गायब हैं। उन पर कोई दो बूंद आंसू बहाने वाला भी नहीं है। मैं इसलिए आगे नहीं बोल रहा हूं कि हो न जाए। गुंडा टैक्स वसूलने वाले कहां गए, पता ही नहीं। कर्फ्यू लगाने वाले भी आपके बीच वोट मांगने आएंगे पर इनका ध्यान न देना।
सीएम ने सोमवार को शामली में नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
2017 के पहले 71 जनपद अंधेरे में रहते थे
सीएम ने कहा कि याद कीजिए छह साल पहले शामली की क्या स्थिति थी। कैराना, कांधला में पलायन, गुंडाराज, दंगों का दंश, बुनियादी सुविधाओं का अभाव, नौजवानों को नौकरी नहीं, व्यापारी रिस्क लेकर व्यापार करता था, उसके व्यापार पर जबरन गुंडा टैक्स की वसूली, बिजली देने में भेदभाव होता था, बेटियां स्कूल नहीं जा पाती थीं। 75 में से केवल यूपी के 4 जनपद को बिजली मिलती थी, शेष 71 जनपद अंधेरे में रहते थे। पीएम मोदी के आह्वान पर छह वर्ष पहले आपके आशीर्वाद से भाजपा सरकार प्रदेश में बनी। छह वर्ष में कैसे तकदीर बदली जा सकती है। आज शामली व यूपी इसका उदाहरण है।
गुंडा टैक्स वसूलने वालों की गर्मी शांत हो गई
सीएम ने कहा कि आज पश्चिमी यूपी में कर्फ्यू नहीं, कांवड़ यात्रा निकलती है। आज दंगा, कर्फ्यू, गुंडा टैक्स नहीं देना पड़ता, बल्कि गुंडा टैक्स वसूलने वालों की गर्मी शांत हो गई। विधानसभा चुनाव में मैंने कहा था कि निश्चिंत होकर काम कीजिए। मैं पश्चिम यूपी की महिलाओं-बहनों का आभारी हूं। उनका सर्वाधिक योगदान मिला। उन्होंने केवल कमल का फूल देखकर वोट किया।
महिलाओं व बहनों को सुरक्षा की गारंटी चाहिए, माताओं व बहनों का आशीर्वाद है तो भाजपा को सत्ता में आने से कोई रोक नहीं सकता। आपके आशीर्वाद से फिर सरकार बनी। जो गर्मी दिखा रहे थे, उनकी गर्मी शांत हो गई होगी। मौसम भी सुहावना हो गया है।
बेटियों को स्कूल में पढ़ते देख लगता है कि हमारा सत्ता में आना सार्थक हो गया
सीएम ने कहा कि प्रसन्नता होती है कि आज कैराना में व्यापारी वापस आ गया। कांधला, ऐलन, शामली में चहुंओर रौनक दिखती है। यहां की बेटियों को अपने ही गांव के स्कूल में पढ़ते देखता हूं तो लगता है कि हमारा सत्ता में आना सार्थक हो गया। व्यापारी, बेटियां व अन्नदाता किसान सुकून में है। पहले इंजन चोरी हो जाता था, अब नहीं होता है न। हमने तय किया है कि निजी नलकूप वाले किसानों को फ्री में बिजली दिलाएंगे। बड़ा कार्यक्रम करेंगे और घोषणा कर देंगे।
जाति के नाम पर राजनीति करने वाले कहां चले गए
सीएम ने पूछा कि जाति के नाम पर राजनीति करने वाले कहां चले गए थे। तब किसी गरीब को पीएम आवास, शौचालय, रसोई गैस कनेक्शन, फ्री बिजली कनेक्शन, आयुष्मान भारत योजना का कवर नहीं मिलता था। किसान, व्यापारी, बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। ऐसी जिंदगी का क्या मतलब था पर आपने बता दिया कि जातिवाद के आधार पर नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद के नाम पर हम भाजपा को वोट देंगे। यूपी को बदलने में देर नहीं लगी। यह जाति के नाम पर तोड़ने वाले लोग सत्ता में आकर लूटते थे। गरीब का पैसा खा जाते थे पर यहां तीन साल कोरोना कालखंड से (मार्च 2020) से डबल इंजन की सरकार 15 करोड़ गरीबों को फ्री राशन दे रही है। हमने न जाति देखी और न मजहब, भाषा और बोली भी नहीं देखी।
सरकार की योजनाओं को गिनाया
सीएम ने कहा कि छह वर्ष में हमने प्रदेश में 54 लाख गरीबों को आवास दिलाया, 2.61 करोड़ गरीबों को शौचालय, यूपी में 10 करोड़ गरीबों को आयुष्मान भारत का लाभ दिलाया। 15 करोड़ गरीबों को डबल इंजन की सरकार फ्री में राशन दे रही है। एक तरफ योजना का लाभ तो दूसरी तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर हाइवे, रेलवे के कार्य हो रहे हैं। निर्वाल व राणा जी फिर से विधायक बने होते तो अब तक मेडिकल कॉलेज का कार्यक्रम भी प्रारंभ हो गया होता। इनकी पैरवी व कार्रवाई में स्पीड थी। आपकी कमिश्नरी में मां शाकंभरी के नाम पर हमने विश्वविद्यालय दे दिया है।
सपा-बसपा के लोग कभी पूछने नहीं आते थे
सीएम ने कहा कि यह क्षेत्र कभी दंगों के लिए जाना जाता था। महीनों कर्फ्यू लगता था। सपा-बसपा के लोग कभी पूछने नहीं आते थे। उन्हें आपकी, व्यापारी व बेटियों की चिंता नहीं थी, केवल वोट की चिंता थी। हमारी सरकार में शामली, कांधला, कैराना, ऐलम, जलालाबाद, थाना भवन आदि निकायों में विकास की सुविधाओं का लाभ पहुंचाया। यदि भाजपा का बोर्ड होता तो विकास बुलेट ट्रेन की स्पीड से बढ़ा होता। इसके बावजूद हमने शामली जनपद को लगभग 17 हजार आवास उपलब्ध कराए हैं। पीएम स्वनिधि में 7233 स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से ब्याज मुक्त ऋण दिलाया। 16 हजार से अधिक निराश्रित महिलाओं को पेंशन, 8500 से अधिक दिव्यांगजनों व 35 हजार वृद्धजनों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। शामली में आयुष्मान भारत के दो लाख लाभार्थी हैं।
सीएम ने 2017 के पहले और बाद के शामली को किया परिभाषित
सीएम ने जनसभा में 2017के पहले और बाद के शामली को परिभाषित किया। बोले कि छह वर्ष पहले कि शामली में दंगों की आंग और कर्फ्यू का कफन था। न बेटी सुरक्षित न माताओं का सम्मान था। तुष्टिकरण की राजनीति और पलायन का दर्द था पर छह वर्षों में व्यापारी सुरक्षित, बेटियां सशक्त
व्यापार के लिए स्वनिधि, हर घर नल यानी शांति, सुरक्षा सौहार्द और समृद्धि चहुंओर हमारी पहचान बन चुकी है।
सीएम ने आमजन से पूछा कि हम युवाओं के लिए कैसी सुविधाएं चाहते। उनके हाथ में तमंचे होने चाहिए या टैबलेट। हमें गोलियों की आवाज वाली गलियां चाहिए या भजन गंगा बजने वाली गलियां चाहिए। हमें रंगदारी वसूलने वाले गुंडे चाहिए या सरकार की योजना को स्वनिधि के माध्यम से
व्यापारी तक पहुंचाने वाले जनप्रतिनिधि चाहिए। शोहदों का आतंक चाहिए या सेफ सिटी चाहिए। सड़ांध मारती गलियां चाहिए या स्मार्ट सिटी वाले शहर चाहिए। यह आपको तय करना है।
जब बाबा मुख्यमंत्री हैं तो डर नहीं लगता
सीएम ने कहा कि मैं विश्वास से कह सकता हूं कि शामली ने जो तय किया है। छह वर्ष पहले जो कहा था, वह कर दिया। कैराना का विस्तार कर दिया है। अब वहां पलायन नहीं होता। मैं जब कैराना गया था तो छह-साल की बेटी से पूछा स्कूल जाने में डर तो नहीं लगता। उसने कहा कि जब बाबा मुख्यमंत्री हैं तो कैसे डर लगेगा। बेटी का यह विश्वास मुझे अच्छा लगा। हम दो करोड़ युवाओं को टैबलेट देने का कार्य कर रहे हैं। हमारे मंदिरों, गांवों व शहरों में भजन संध्या के कार्यक्रम होने चाहिए। आज व्यापारियों से कोई रंगदारी नहीं वसूल सकता। आज शोहदों का आतंक नहीं, स्वनिधि योजना का लाभ दे रहे हैं। सेफ सिटी प्रदेश की पहचान बन रही है।
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रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनि...और देखें
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