(Julana) Haryana : जुलाना के सियासी अखाड़े में विनेश फोगाट का BJP के वैरागी से सामना

Julana Assembly Seat 2024: करीब एक लाख 72 हजार वोटरों वाली विधानसभा में इस बार कांग्रेस की विनेश फोगाट का मुकाबला पिछड़े समाज से आने वाले भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी से सीधे तौर पर दिख रहा हैं। और 2005 के बाद कांग्रेस पहली बार इस सीट को जीतने के रेस में हैं। इस इलाके में जजपा और इनेलो का दबदबा रहा है। पिछले बार के विजेता अमरजीत सिंह ढांडा पर जजपा ने एक बार फिर दांव लगाया है

julana seat

जुलाना सीट पर हाई प्रोफाइल मुकाबला।

Julana Assembly Seat 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना सबसे हॉट सीट बन गई है। यहां से जानी-मानी महिला पहलवान विनेश फोगाट कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी कैप्टन योगेश बैरागी से है। दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। पेरिस ओलंपिक में पदक से दूर रहने वाली विनेश सियासी अखाड़े में अपनी किस्मत आजमा रही है। उन्हें भरोसा है कि लोग जुलाना से उन्हें जीताकर अपना आशीर्वाद देंगे। जुलाना विनेश की ससुराल है।

जुलाना में एकतरफा नहीं मुकाबला

जुलाना क्षेत्र का एक बड़ा तबका विनेश के साथ ओलंपिक में हुई दिल तोड़ने वाली घटना को उनकी बहू और बेटी के साथ अन्याय के रूप में देख रहा है। उस अन्याय का ईनाम वह उसे चुनाव में जीत के तोहफे के रूप में देना चाहता है। लेकिन क्या यह लड़ाई इतनी एक तरफा हो चुकी है, जमीन पर पहुंचने पर तस्वीर बहुत साफ होती नजर आती है। चुनावी दंगल में जाट वोटरों में बंटवारा, भाजपा का गैर पिछड़ा वर्ग का दांव तो खर्ची और पर्ची का मुद्दा विनेश के रास्ते में एक अहम चुनौती बनता दिख रहा है।

कैसा है चुनावी माहौल

करीब एक लाख 72 हजार वोटरों वाली विधानसभा में इस बार कांग्रेस की विनेश फोगाट का मुकाबला पिछड़े समाज से आने वाले भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी से सीधे तौर पर दिख रहा हैं। और 2005 के बाद कांग्रेस पहली बार इस सीट को जीतने के रेस में हैं। इस इलाके में जजपा और इनेलो का दबदबा रहा है। पिछले बार के विजेता अमरजीत सिंह ढांडा पर जजपा ने एक बार फिर दांव लगाया है। लेकिन अगर जमीनी हकीकत देखेंगे तो इस बार जजपा, इनेलो का का रोल वोट काटने वाला ही दिखता है। जबकि आम आदमी पार्टी ने विनेश के खिलाफ रेसलर कविता दलाल को उतारकर लड़ाई रोचक बनाने की कोशिश की है, लेकिन वह बहुत कारगर होता दिख नहीं रहा है। विधानसभा क्षेत्र के युवा से लेकर बुजुर्ग तक भाजपा से किसान आंदोलन, बेरोजगारी की समस्या, विनेश फोगाट के साथ ब्रजभूषण के संघर्ष को लेकर नाराज दिख रहे हैं।

लोगों का दावा-पर्ची-खर्ची में कमी आई

हालांकि ऐसा भी नहीं दिख रहा है कि भाजपा के खिलाफ पूरी लहर है। लोग मानते हैं कि भाजपा के राज में काम हुए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा के राज में बिना पर्ची और खर्ची के युवाओं को नौकरी मिली है। हरियाणा में पर्ची-खर्ची का मतलब यह है कि बिना घूस दिए नौकरी मिली है। लेकिन युवाओं में नौकरियां नहीं आने की नाराजगी है।

विनेश को बहू और बेटी के रूप में देख रहे लोग

विनेश फोगाट की ससुराल बख्ता खेड़ा हैं। गांव में माहौल विनेश के पक्ष में है। खासतौर से महिलाएं उन्हें गांव की बेटी और बहू के रूप में देख रही हैं। गांव वालों का कहना है कि वे विनेश के साथ हैं, क्योंकि उन्होंने दुनिया भर में देश का नाम रोशन किया है। कांग्रेस की तरफ से जुलाना में चुनावी लड़ाई को भावनात्मक बनाया जा रहा है और इसमें विनेश काफी हद तक कामयाब होती दिख रही हैं। गांव वालों और महिलाओं का कहना है कि विनेश जब जीत जाएंगी तो वह सारे काम करेंगी, जो अभी तक नहीं हुए हैं।

गैर-जाट वोटों के भरोसे भाजपा

जुलाना के युवाओं और महिलाओं में फोगाट को लेकर बहुत ज्यादा सहानुभूति है। वहीं बुजुर्ग भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर वोट देने की बात कह रहे हैं। जबकि भाजपा गैर जाट वोटों के सहारे हैं। जाट बहुल इस सीट पर कुल जाट वोटर 81 हजार हैं, वहीं, पिछड़े वर्ग के 33608 वोटर, अनुसूचित जाति के 29661 वोटर्स हैं। विनेश को जहां ओलंपिक के सदमे से मिली सहानुभूति का भरोसा है, वहां भाजपा को पिछड़े और जाट वोटों में बंटवारे से जीत का भरोसा है। अब देखना है कि किस्मत किसकी खुलती है।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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