कांग्रेस के घोषणा पत्र में क्या कहा गया और किस वर्ग के लिए क्या? यहां जानें सबकुछ
Congress Manifesto For Lok Sabha Elections: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हमारा घोषणा पत्र राजनीतिक इतिहास में न्यायिक दस्तावेज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमारे घोषणा पत्र का हर किसी को लाभ मिलेगा, यह घोषणापत्र हर वर्ग के लिए है।
कांग्रेस का घोषणापत्र
Congress Manifesto For Lok Sabha Elections: आगमी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से शुक्रवार को घोषणापत्र जारी कर दिया गया। पार्टी ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, भाजपा/एनडीए सरकार के दस साल काम एवं प्रदर्शन के बजाय अतिश्योक्ति एवं प्रचार के नाम रहे हैं। अर्थव्यवस्था ने संतोषजनक से कम दर से वृद्धि दर्ज की है। व्यापक बेरोजगारी, उच्च मुद्रास्फीति एवं गिरती खपत ने मामूली वृद्धि को भी कमजोर कर दिया है।
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जबकि गरीब एवं मध्यम वर्ग पर मार पड़ी है, देश में माहौल नफरत भरा एवं विभाजनकारी हो गया है। संवैधानिक मूल्यों को पृष्ठभूमि में धकेल दिया गया है एवं बहुसंख्यकवाद हावी हो गया है। असमानताएं बढ़ी हैं, जनता का हर वर्ग भय में जी रहा है।
पिछले 10 वर्षों के रास्ते से निर्णायक विराम की आवश्यकता
घोषणा पत्र में कहा गया कि इस समय भारत एवं भारतीय लोगों को पिछले 10 वर्षों के रास्ते से एक निर्णायक विराम की आवश्यकता है। लोग सर्वांगीण विकास, समानता, समता, स्वतंत्रता एवं न्याय की राह पर चलने के लिए तरस रहे हैं। कांग्रेस लोगों को इस नई राह पर चलने के लिए नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता रखती है। इतिहास के पाठ आपके सामने हैं। कांग्रेस ने आजादी दिलाई। कांग्रेस ने लोकतंत्र की नींव रखी। कांग्रेस ने 1950 एवं 1960 के दशक में देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया। कांग्रेस सरकारों ने 1965 एवं 1971 के युद्ध लड़े एवं भारत की संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा की। कांग्रेस ने 1991 में एक आदर्श परिवर्तन किया एवं प्रभावशाली विकास के युग की शुरुआत की। पिछले दस वर्षों में, कांग्रेस अनुदारवाद एवं अधिनायकवाद के खिलाफ मोर्चा रही है। कांग्रेस अन्याय एवं दमनकारी कानूनों के खिलाफ लड़ाई में लोगों के साथ खड़ी है।
'समय आ गया है जब टैगोर के अमर शब्दों को याद करें'
घोषणापत्र में पार्टी की ओर से कहा गया, इतिहास के सबक को ध्यान में रखते हुए हम आपसे एक बार फिर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अपना विश्वास जताने की अपील करती है। हम आपसे अधिक स्वतंत्रता, तेज विकास, अधिक न्यायसंगत विकास एवं सभी के लिए न्याय का वादा करते हैं। हम आपसे 'हाथ' चिन्ह एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए वोट करने की अपील करते हैं। अब समय आ गया है कि हम गीतांजलि में टैगोर के अमर शब्दों को याद करें, "जहां मन भय से मुक्त हो और मस्तक सम्मान से ऊचा हो, जहां ज्ञान का आदर हो और संसार सांसारिक युक्तियों में न उलझा हो, जहां सच का सम्मान हो और नकारात्मक ख्यालों से दूर क्षितिज पाने की आशा हो, जहां भेड़चाल से दूर व्यक्ति विशेष की निरंतर आगे बढ़ने की कर्मठता हो... हे, परमेश्वर पिता, मेरी ऐसी मातृभूमि को जगाओ!
कांग्रेस का घोषणा पत्र राजनीतिक इतिहास का न्यायिक दस्तावेज- खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, बाबू जगजीवन राम 1947 से लेकर 1984 तक इस पार्टी में रहकर काम किए। जो कुछ उनका योगदान था, काफी बड़ा था और ऐसे दिन को हम गरीबों के लिए अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 22 दिसंबर 2023 को पी चिदंबरम की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय कमेटी बनी थी, जिसने घोषणा पत्र बनाया। हमारा घोषणा पत्र राजनीतिक इतिहास में न्यायिक दस्तावेज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमारे घोषणा पत्र का हर किसी को लाभ मिलेगा, यह घोषणापत्र हर वर्ग के लिए है।
घोषणापत्र की प्रमुख बातें
- घोषणा पत्र के 5 पिलर हैं- किसान न्याय, हिस्सेदारी न्याय, नारी न्याय, युवा न्याय, श्रमिक न्याय।
- युवा न्याय के तहत हर शिक्षित युवा की नौकरी और उनके लिए अप्रेंटिशशिप से शुरू होगी, इसके लिए 1 लाख रुपए दिए जाएंगे।
- नारी न्याय के तहत गरीब परिवार की महिला को 1 लाख रुपये की मदद।
- किसानों के लिए लोन माफी, एमएसपी की कानूनी गारंटी।
- मनरेगा में 400 रुपए न्यूनतम मजदूरी।
- हिस्सेदारी न्याय में सामाजिक, आर्थिक समानता के लिए हर व्यक्ति, हर वर्ग के लिए जातीय जनगणना होगी।
घोषणा पत्र के तीन प्रमुख बिंदु- पी. चिदंबरम
पी चिदंबरम ने कहा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी में मानिफेस्टो ड्राफ्ट पर विस्तृत चर्चा की गई और कुछ बदलाव किये गए। उन्होंने कहा, न्याय के हर पहलू को बीते 10 वर्षो में कमज़ोर किया गया है। जो हमने 2019 में आशंका जताई थी, वो आज सच साबित हुई है। संस्थानों पर हमला किया गया है। इस मानिफेस्टो में हमने बीते 10 सालों में हुए डैमेज को हमने रीकवर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, हमारे न्याय पत्र के 3 मुख्य बिंदु हैं- वर्क, वेल्थ और वेलफेयर।
वर्क: जॉब्स क्रिएट करना।
वेल्थ: मोदी सरकर के 5 सालों में भत्तों में बढ़ोत्तरी रुक गई है। वेल्थ क्रिएट करने पर हमारा फोकस होगा।
वेलफेयर: जॉब और वेल्थ क्रिएट करने से लोगों का वेलफेयर होगा। 23 करोड़ लोग इस देश के आज भी गरीब हैं। सत्ता में आते हैं तो अगले 10 सालों में इन 23 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लेकर आएंगे।
न्यायपालिका को लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र में किए गए वादे
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गुणवत्ता, न्यायाधीशों की स्वतंत्रता और गुणवत्ता में परिलक्षित होती है। कांग्रेस न्यायपालिका की स्वतंत्रता को दृढ़ता से बरकरार रखेगी। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के परामर्श से, कांग्रेस एक राष्ट्रीय न्यायिक आयोग (NJC) की स्थापना करेगी। NJC की संरचना का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के परामर्श से किया जाएगा। NJC उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के चयन और नियुक्ति के लिए जिम्मेदार होगा।
- उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में सभी रिक्तियाँ 3 वर्षों के भीतर भरी जाएंगी।
- कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय में दो प्रभाग बनाने के लिए संविधान में संशोधन करेगी: एक संवैधानिक न्यायालय और एक अपील न्यायालय। 7 वरिष्ठतम न्यायाधीशों से युक्त संवैधानिक न्यायालय संविधान की व्याख्या और कानूनी महत्व या राष्ट्रीय महत्त्व से जुड़े मामलों की सुनवाई और निर्णय करेगा। अपील की अदालत, अपील की अंतिम अदालत होगी जो 3 न्यायाधीशों की प्रत्येक पीठ में बैठकर उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय न्यायाधिकरणों की अपीलों की सुनवाई करेगी।
- कांग्रेस न्यायपालिका के भौतिक और तकनीकी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और रखरखाव के लिए पर्याप्त धन आवंटित करेगी।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्तियों और महिलाओं को अधिक संख्या में उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
- कांग्रेस एक न्यायिक शिकायत आयोग की स्थापना करेगी सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और उच्च न्यायाल सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे। यह उच्च न्यायपालिका न्यायाधीशों के खिलाफ गंभीर कदाचार की शिकायतों की जांच करेगी।
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