Meerut Election: अरुण गोविल का क्या होगा? जानें कितनी दिलचस्प रही मेरठ की लड़ाई, क्या रहा सबसे बड़ा मुद्दा
Meerut Chunav: मेरठ लोकसभा सीट पर अरुण गोविल का क्या होगा? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि यहां की लड़ाई काफी कसी हुई है। लगातार तीन बार इस सीट से जीत हासिल कर रहे राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर गोविल को मैदान में उतारा गया था। पीएम मोदी ने अपनी चुनावी सभा का आगाज यहीं से किया था। आपको बतातें है यहां क्या मुद्दा रहा।
सुनीता वर्मा vs अरुण गोविल।
Meerut Lok Sabha Chunav: भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का बड़ा मुद्दा उतना नहीं भुलाया, लेकिन मेरठ सीट से टीवी सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल को अपना उम्मीदवार बनाया तो सियासत गरमा गई। हालांकि गोविल की राह इतनी आसान नहीं रही, क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने उन पर कई सवाल खड़े किए। मेरठ से उनके नाते को लेकर कटाक्ष किए गए। आपको बताते हैं कि इस बार इस सीट का क्या समीकरण है।
राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कटने से कितना पड़ेगा असर?
भाजपा ने इस सीट से लगातार तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काट दिया और अरुण गोविल को अपना उम्मीदवार बनाया। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को ये आस थी कि अग्रवाल का टिकट कटने से भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। जिसका फायदा उठाने की भरपूर कोशिश हुई। शायद ये वजह रही कि सपा और बसपा ने इस सीट पर तमाम प्रयोग किया।
सपा ने मेरठ से अतुल प्रधान का काट दिया टिकट
मेरठ में समाजवादी पार्टी ने यहां से अपना लोकसभा का उम्मीदवार सुनीता वर्मा को बनाया, लेकिन उससे पहले अतुल प्रधान का टिकट काट दिया गया। टिकट कटने के बाद सरधना विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को सिंबल मिला है। राजनीति और सामाजिक जीवन में अलग तरह के मोड़ आते हैं। दिलचस्प बात ये रही कि सपा ने इससे पहले भानु प्रताप को टिकट दिया था और फिर उनका टिकट काटकर अतुल प्रधान को थमाया था। अतुल प्रधान ने नामांकन भी दाखिल कर दिया था। लेकिन, उनका भी टिकट कट गया और अब मेरठ की पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया।
मेरठ के रण में कौन-कौन उम्मीदवार?
क्रमांक | उम्मीदवार का नाम | पार्टी |
1 | अरुण गोविल | भारतीय जनता पार्टी |
2 | देवव्रत कुमार त्यागी | बहुजन समाज पार्टी |
3 | सुनीता वर्मा | समाजवादी पार्टी |
4 | हाजी अफजल | सबसे अच्छी पार्टी |
5 | आबिद हुसैन | सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया |
6 | भूपेंद्र पाल उर्फ भूप्पी भाई | राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी |
7 | लियाकत | मजलूम समाज पार्टी |
8 | डॉ. हिमांशु भटनागर | जय हिंद नेशनल पार्टी |
मेरठ लोकसभा सीट का इतिहास, कब-कब कौन जीता?
लोकसभा चुनाव 2009 से ही मेरठ से भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल सांसद चुने जा रहे हैं। लेकिन 2004 में इस सीट से बसपा के मोहम्मद शाहिद अखलाक ने चुनाव जीता था। उससे पहले 1999 में कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना मेरठ के सांसद थे। ऐसे में भाजपा ने राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काट दिया है, जिसका लाभ लेने के कोशिश में सपा और बसपा दोनों ही पार्टियों ने कोशिशें की।
मेरठ में भाजपा ने अब तक 6 बार लोकसभा चुनाव जीता है। जिसमें तीन बार अमर पाल सिंह सांसद रहे और तीन बार राजेंद्र अग्रवाल...। मेरठ के पहले सांसद शाह नवाज खान ने तीन बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के महाराज सिंह भारती सांसद चुने गए। 1971 में फिर कांग्रेस की वापसी हुई और शाह नवाज खान फिर सांसद बने। 1977 में जनता पार्टी के टिकट से कैलाश प्रकाश मेरठ के सांसद चुने गए। कांग्रेस ने 1980 में इस सीट पर वापस जीत हासिल की और दो बार मोहसिना किदवई यहां से सांसद बने। 1989 में मेरठ से जनता दल के हरीश पाल ने चुनाव जीता। फिर भाजपा के अमर पाल सिंह 1999 तक मेरठ के सांसद रहे।
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