जब मायावती ने अटल जी के छुए पैर, फिर लोकसभा में लिया यू-टर्न, 1 वोट से गिर गई NDA सरकार

Loksabha Election 2024: राजनीतिक उलटफेर करने वाला यह वाकया 1999 का है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा ने गठबंधन के साथियों के साथ मिलकर एनडीए की सरकार बनाई। इस गठबंधन सरकार में तमिलनाडु की एआईएडीएमकी भी शामिल थी।

1999 में एक वोट से गिरी थी वाजपेयी सरकार।

Loksabha Election 2024: सरकारों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आना कोई बड़ी बात नहीं है। समय-समय पर विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करता आया है लेकिन साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को कोई भूल नहीं सकता है। आजादी के बाद भारत की यह पहली सरकार थी जिसे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुई वोटिंग में उसे बहुमत के आंकड़े से एक वोट कम मिला और यह सरकार गिर गई। यह बात अलग है कि कुछ महीने बाद हुए चुनाव में वाजपेयी जी का एनडीए सत्ता में वापसी करने में सफल हो गया।

वाजपेयी ने 'अंतरात्मा की आवाज' सुनने की अपील की

वाजपेयी को पता था कि उनके पास बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं है और अविश्वास प्रस्ताव के दौरान 'खेल' हो सकता है। सरकार बचाने के लिए उन्होंने विपक्ष के सांसदों से अपनी 'अंतरात्मा की आवाज' सुनकर वोट करने की अपील की। सरकार के फ्लोर मैनेजर जो उस समय प्रमोद महाजन थे, उन्होंने भी विपक्षी सांसदों में सेंध लगाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। इस पूरे मामले में सबसे बड़ा नाटकीय घटनाक्रम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती का पाला बदलना रहा। एक तरह से मायावती ने वाजपेयी को धोखा दिया।

जयललिता ने सरकार से समर्थन लिया था वापस

राजनीतिक उलटफेर करने वाला यह वाकया 1999 का है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा ने गठबंधन के साथियों के साथ मिलकर एनडीए की सरकार बनाई। इस गठबंधन सरकार में तमिलनाडु की एआईएडीएमकी भी शामिल थी लेकिन 13 महीनों के बाद जयललिता ने वाजपेयी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। एआईएडीएमके के समर्थन वापस लेने पर वाजपेयी सरकार अल्पमत में आ गई। सरकार को बचाने के लिए भाजपा के फ्लोर मैनजरों ने गुणा गणित बिठाया।

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