यहीं तक था कांग्रेस और आप का साथ? अब केजरीवाल की पार्टी ने चुनी अलग राह

Delhi News: दिल्ली की चार सीटों पर आम आदमी पार्टी और तीन सीटों पर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों में से किसी को यहां एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई है। यही वजह है कि दोनों पार्टियों के बीच फासले अभी से बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। आपको सारा माजरा समझाते हैं।

कांग्रेस और आप का टूटने वाला है साथ?

AAP Plan for Delhi: क्या अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का साथ समाप्त होने वाला है? ऐसा इसलिए, क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हुए दो दिन ही बीते थे कि AAP नेता ने इस बात का ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था। उन्होंने ये साफ कर दिया है कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

चार दिन के लिए था ये साथ, आप ने छुड़ाया हाथ

अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, लेकिन उनकी पार्टी शायद लोकसभा चुनाव में मिली हार से सदमे में है। दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA को करारी हार झेलनी पड़ी। चार सीटों पर आम आदमी पार्टी और तीन सीटों पर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों में से किसी को यहां एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई है। यही वजह है कि दोनों पार्टियों के बीच फासले अभी से बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।

विधानसभा चुनाव में एक-दूजे को कोसेंगे दोनों

जिस आम आदमी पार्टी ने राजनीति में कदम रखने से पहले ही कांग्रेस को जमकर कोसा, उसे भ्रष्टाचारी बताया, उसके कोस-कोस कर सत्ता हासिल किया, उसी पार्टी ने राजनीति के खातिर कांग्रेस के हाथ से हाथ मिला लिया। हालांकि लोकसभा चुनाव में दिल्ली ने उन्हें मौका नहीं दिया, तो केजरीवाल खेमा कांग्रेस से उखड़ा-उखड़ा नजर आने लगा है। उसने विधानसभा चुनाव में अकेले दावेदारी पेश करना का ऐलान किया, यानी अगले साल 2025 में होने वाले चुनावों में दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे को कोसते नजर आएंगे।

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