संसद एवं विधानसभा दोनों की अयोग्यता झेल चुके हैं ZPM के लालदुहोमा, अब बनेंगे मिजोरम के CM

Who is Lalduhoma : नॉर्थ इस्ट हिल यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री लेने के बाद लालदुहोमा भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। पुलिस अधिकारी के रूप में सेवा देते हुए इन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का सुरक्षा प्रभारी बनने का मौका मिला।

दो बार अयोग्यता की झेल चुके हैं लालदुहोमा।

Mizoram Election Results 2023: मिजोरम चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने शानदार सफलता दर्ज की है। सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को सत्ता से बाहर जाना पड़ा है। 40 विधानसभा सीटों वाले राज्य में ZPM ने 26 सीटें जीत चुकी है और एक पर बढ़त बनाए हुए है। जबकि एमएनएफ सिमट कर 10 सीटों पर रह गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को दो सीटों और कांग्रेस को एक सीटों पर जीत मिली है। मिजोरम में सरकार बनाने के लिए 21 सीटों की जरूरत है। मुख्यमंत्री जोरामथंगा के खिलाफ लोगों की नाराजगी एमएनएफ की हार का एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। 73 साल के पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा अब मिजोरम के नए मुख्यमंत्री होंगे।

कौन हैं लालदुहोमा

नॉर्थ इस्ट हिल यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री लेने के बाद लालदुहोमा भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। पुलिस अधिकारी के रूप में सेवा देते हुए इन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का सुरक्षा प्रभारी बनने का मौका मिला। साल 1984 में इन्होंने पुलिस सेवा इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके अगले साल इन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे। साल 1998 में वह संसद से अयोग्य करार दिए गए। दल-बदल कानून के तहत अयोग्यता की मार झेलने वाले यह पहले सांसद थे। इसके बाद लालदुहोमा ने कांग्रेस छोड़ दी।

विधानसभा से भी हुए थे अयोग्य

आगे चलकर इन्होंने जोरम नेशनलिस्ट पार्टी नाम से पार्टी बनाई और साल 2003 में विधायक चुने गए। कुछ साल बाद इन्होंने जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) नाम से पार्टी बनाई। साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान जेडपीएम को एक पार्टी के रूप में मान्यता नहीं मिली। फिर भी छोटी क्षेत्रीय पार्टियों एवं सिविल सोसायटी समूहों के समर्थन से जेडपीएम के 38 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव खड़े हुए। इनमें से आठ विधायक बनने में सफल हुए। आठ सीटें जीतने के बाद जेडपीएम राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। साल 2019 में इसे मान्यता मिल गई। दल बदल कानून के तहत साल 2021 में लालदुहोमा को विधानसभा से भी अयोग्य करार दिया गया। हालांकि सरछिप उपचुनाव में वह फिर विजयी हुए।

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