दो बार ली प्रधानमंत्री पद की शपथ, पर दोनों ही बार सिर्फ 14-14 दिनों तक संभाली कुर्सी; जानें कौन थे गुलजारी लाल नंदा

Gulzari Lal Nanda: भारत के इतिहास में एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हुए, जिन्होंने दो-दो बार पीएम कुर्सी तो संभाली लेकिन दोनों ही बार वो 14-14 दिनों के लिए ही पद पर बने रहे। प्रधानमंत्री की कुर्सी पर रहते हुए दो नेताओं की मृत्यु हो गई, जिसके बाद गुलजारी लाल नंदा ने देश की बागडोर अपने हाथ में ली। ये किस्सा बेहद दिलचस्प है।

Who Was Gulzari Lal Nanda

गुलजारी लाल नंदा को जानिए।

Siyasi Kisse: वैसे को भारत के एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के तौर पर मनमोहन सिंह का जिक्र होता है, लेकिन देश के इतिहास में सिर्फ एक ही नेता ऐसे रहे हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री की कुर्सी तो दो-दो बार संभाली, शपथ भी लिया, लेकिन दोनों ही बार वो सिर्फ 14 दिनों तक पीएम रहे। उस नेता का नाम है- गुलजारी लाल नंदा। उस वक्त देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे, जब उनकी सरकार में नंदा के कंधों पर गृह मंत्रालय का जिम्मा था। आपको उस किस्से से रूबरू करवाते हैं, जब दो-दो बार गुलजारी लाल नंदा प्रधानमंत्री बने।

नेहरू और शास्त्री के मृत्यु के बाद ली थी शपथ

साल 1964 की बात है, देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का 27 मई को निधन हो गया, इसके बाद इसी दिन यानी 27 मई, 1964 को गुलजारी लाल नंदा ने भारत के पीएम पद की शपथ ली। उन्होंने 9 जून, 1964 तक कुर्सी संभाली। इस बीच देश ने कई राजनीतिक उतार चढ़ाव देखे। आजाद भारत में पहली बार ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। नेहरू के बाद मोरारजी देसाई ने कुर्सी के लिए दावा कर दिया था। हालांकि नेहरू के बाद पीएम पद की दौड़ में देसाई के अलावा गुलजारी लाल नंदा भी शामिल थे। उनके अलावा लाल बहादुर शास्त्री और जय प्रकाश नारायण पर भी सभी की निगाहें टिकी थी। उस वक्त शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बने।
इसके बाद दो साल भी नहीं बीते थे कि ताशकंद में 11 जनवरी 1966 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मृत्यु हो गई। फिर वैसे ही हालात बन गए, एक बार फिर गुलजारी लाल नंदा ने पीएम पद की शपथ ली। इस बार वो 11 जनवरी 1966 को प्रधानमंत्री बने और 24 जनवरी 1966 तक गद्दी संभाली। इसके बाद देश में पहली बार किसी महिला ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, नाम था- इंदिरा गांधी। गुलजारी लाल नंदा वर्ष 1963 से 1966 तक भारत के गृह मंत्री रहे।

गुलजारी लाल नंदा की जिंदगी के बारे में जानिए

4 जुलाई 1898 को पंजाब के सियालकोट में गुलजारीलाल नंदा का जन्म हुआ था। उन्होंने लाहौर, आगरा एवं इलाहाबाद से पढ़ाई की। नंदा को वर्ष 1932 में सत्याग्रह के लिए जेल जाना पड़ा और फिर 1942 से 1944 तक भी वे जेल में रहे। जब देश में पहली बार आम चुनाव हुए तो गुलजारी लाल नंदा ने मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे। इसके बाद वो नेहरू की सरकार में मंत्री बनाए गए। मुंबई के बाद वे 1962 में गुजरात के साबरकांठा सीट से लोकसभा चुनाव जीता।
पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद उन्होंने 27 मई 1964 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद फिर से 11 जनवरी 1966 को उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस तरह गुलजारी लाल नंदा ने दो-दो बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और दोनों ही बार सिर्फ 14 दिनों तक कुर्सी पर बने रहे।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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