हिमाचल उपचुनाव: 6 बागी विधायक BJP के टिकट पर मैदान में, 1 जून को मतदान, सुक्खू सरकार को हिला सकता है नतीजा

बागी कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने के बाद खाली हुई इन छह सीटों पर 1 जून को मतदान होने जा रहा है। इन उपचुनावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भी नजर है।

Sukhvindar Sukhu

सुखविंदर सुक्खू

Himachal Pradesh By-Polls: हिमाचल प्रदेश में 1 जून को आखिरी चरण में चार लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा। साथ ही छह विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव के लिए भी मतदान 1 जून को होगा। इस साल फरवरी में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद चुनाव कराए जा कराए जा रहे हैं। इन विधायकों के विद्रोह ने हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कांग्रेस सरकार को एक तरह के संकट में डाल दिया था।

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विधायकों के विद्रोह से हारे सिंघवी

जिन निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे उनमें लाहुल और स्पीति, धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलेहड़ शामिल हैं। 27 फरवरी को छह बागी कांग्रेस विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के हर्ष महाजन के लिए क्रॉसवोटिंग की थी। 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा सदन में पूर्ण बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे।

कांग्रेस के 6 विधायकों की बगावत के बाद विपक्षी बीजेपी ने सुक्खू के इस्तीफे की मांग तेज कर दी। बाद में बुलाए गए बजट सत्र में 6 बागी विधायकों ने मतदान किया और बाद में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था।

इन सीटों पर बड़े नेताओं की नजर

तीन महीने बाद हिमाचल प्रदेश सरकार फिर चर्चा में है। बागी कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने के बाद खाली हुई इन छह सीटों पर 1 जून को मतदान होने जा रहा है। इन उपचुनावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भी नजर है। 2014 और 2019 में हिमाचल प्रदेश की सभी चार संसदीय सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा इन छह विधानसभा सीटों के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

छह बागी कांग्रेस विधायकों को मिला भाजपा का टिकट

सभी छह बागी कांग्रेस विधायक भाजपा के टिकट पर फिर से मैदान में हैं। लेकिन भाजपा के टिकट पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने उन पर हमला बोला है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी ईमानदारी बेचने के लिए करोड़ों रुपये लिए हैं। मैदान में छह विद्रोही विधायक राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, देविंदर कुमार भुट्टो, चैतन्य शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल और रवि ठाकुर हैं।

सीएम ने कहा, उनके (भाजपा) एक महीने तक साजिश रचने के बावजूद हमारी सरकार बच गई। जो लोग भाजपा में गए उन्हें लोगों ने बिकाऊ विधायक करार दिया। हमें कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि हमारे पास अभी भी 34 विधायक हैं, जबकि उनके पास केवल 25 हैं। अगर वे छह उपचुनाव जीतते हैं, तो भी उनकी ताकत केवल 31 ही होगी। जो निर्दलीय विधायक इस्तीफा दे रहे हैं, उन्हें लिखित में देना चाहिए। वे अगले साढ़े तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ेंगे।

सरकार हिला सकता है नतीजा

इन छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कांग्रेस के लिए अपनी सरकार बचाने और भाजपा के लिए विधानसभा में सत्ता में वापस आने की कोशिश के लिए अहम दांव बन गए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही हो रहे इन चुनावों ने कांग्रेस बनाम बीजेपी की लड़ाई को और भी दिलचस्प बना दिया है। अगर कांग्रेस के छह दलबदलू जीत जाते हैं, तो हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा की संख्या बढ़कर 31 हो जाएगी। हालांकि, वह तब भी बहुमत के आंकड़े 35 से कम पर रहेगी। लेकिन इससे कांग्रेस सरकार पर भारी दबाव बन सकता है। ऐसी स्थिति में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भाजपा के पास कांग्रेस के बराबर 34 सदस्य हो जाएंगे। और अगर कांग्रेस इन सीटों पर जीत दर्ज करती है तो उसकी सरकार पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगी। यही कारण है कि ये छह सीटें दोनों दलों के लिए बहुत मायने रखती हैं। यह हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पासा पूरी तरह पलट सकता है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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