लोकसभा के साथ चार राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव, लेकिन जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं? जान लीजिए वजह
Jammu Kashmir Assembly Elections: आंध्र प्रदेश में एक ही चरण में 13 मई को वोटिंग होगी, तो ओडिशा में दो चरणों 13 मई और 20 मई को मतदान होंगे। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। हालांकि, इस चुनावी कार्यक्रम के साथ देश की जनता जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव का भी इंतजार कर रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ...
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार
Jammu Kashmir Assembly Elections: देश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनावों की भी घोषणा हो गई है। लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे और मतदान 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक चलेंगे। 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। वहीं, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है।
आंध्र प्रदेश में एक ही चरण में 13 मई को वोटिंग होगी, तो ओडिशा में दो चरणों 13 मई और 20 मई को मतदान होंगे। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। हालांकि, इस चुनावी कार्यक्रम के साथ देश की जनता जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव का भी इंतजार कर रही थी। लोगों की उम्मीद थी कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा लोकसभा चुनाव के साथ की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आइए जानते हैं इसका कारण क्या है?
जानिए पहला कारण
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में 107 विधानसभा सीटों का प्रावधान था, जिसमें 24 पीओके के लिए आरक्षित थे। बाद में डिलिमिटेशन में सीटों की संख्या बढ़ाकर पीओके की 24 सीटों के साथ 114 कर दी गई। इसके अनुरूप जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन दिसंबर 2023 में किया गया। इसलिए पहले वहां चुनाव नहीं कराये जा सके।
दूसरा कारण क्या?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने केंद्र शासित प्रदेश में दोनों चुनाव साथ-साथ कराने का अनुरोध किया था, लेकिन सभी प्रशासनिक मशीनरी ने कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि विधानसभा में उम्मीदवारों की संख्या काफी ज्यादा होगी। इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को सुरक्षा देने के लिए लोकसभा चुनाव के समय पर्याप्त सुरक्षाबल उपलब्ध नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि यदि हर 90 विधानसभा सीटों पर 10-12 उम्मीदवार भी खड़े होते हैं तो करीब 1,000 उम्मीदवार होंगे। सुरक्षा के लिए करीब 450-500 जवानों की 1,000 कंपनियों की जरूरत होगी।
तो कब होंगे जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव
चुनाव आयोग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव लोकसभा के तुरंत बाद कराये जायेंगे। दोनों चुनाव साथ नहीं कराने की प्रमुख वजह पर्याप्त सुरक्षा बलों की कमी है। चुनाव आयोग ने बताया कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराये जायेंगे क्योंकि तब सुरक्षा बल उपलब्ध हो जायेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में लोकसभा की पांच सीटों के लिए के चुनाव पांच चरणों में कराये जायेंगे।
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