Jodhpur Lok Sabha Constituency: जोधपुर से क्या हैट्रिक लगा पाएंगे गजेंद्र सिंह शेखावत या फिर कांग्रेस मार ले जाएगी बाजी?

Jodhpur Lok Sabha Constituency: ऐतिहासिक रूप से, 1952 के लोकसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस ने जोधपुर सीट 9 बार जीती है, जबकि भाजपा ने 5 बार जीत हासिल की है। जोधपुर पिछले कई सालों से राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का मैदान रहा है, जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच रस्साकशी चलती रही है।

Jodhpur Lok Sabha Constituency.

जोधपुर लोकसभा सीट का समीकरण

Jodhpur Lok Sabha Constituency: राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जहां हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं, वहीं कांग्रेस अपने गढ़ को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। पिछली बार इस सीट से अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत मैदान में थे और हार गए थे। इस बार कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा ने टिकट दिया है।

हैट्रिक पर शेखावत की नजर

ब्लू सिटी के नाम से भी मशहूर जोधपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र राजस्थान की 25 संसदीय सीटों में से एक है, जिसमें राज्य के आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस उम्मीदवारों को हराकर दो बार जोधपुर में जीत हासिल की। यह एक बड़ा बदलाव था क्योंकि भाजपा ने पारंपरिक रूप से कांग्रेस के कब्जे वाली सीट पर कब्जा जमाया था। शेखावत के खिलाफ इस बार कुछ समीकरण है, जैसे सत्ता विरोधी लहर, बाहरी होने का ठप्पा। हालांकि शेखावत को अपने कार्यकाल में किए किए विकास कार्यों पर पूरा भरोसा है।

कांग्रेस का समीकरण

शेखावत के प्रतिद्वंद्वी राज्य कांग्रेस महासचिव करण सिंह उचियारदा, जो सचिन पायलट के वफादार हैं, इसे "बाहरी बनाम धरतीपुत्र" चुनाव बना रहे हैं। वे कहते हैं कि शेखावत जोधपुर से नहीं हैं। वे शेखावाटी क्षेत्र से हैं। उनका गांव सीकर के पास है। यही कारण है कि उन्होंने सभी परियोजनाओं को वहां मंजूरी दी। वे मारवाड़ के लोगों की दुर्दशा को कभी नहीं समझ पाएंगे। उचियारदा, एक रियल एस्टेट डेवलपर और आशापूर्णा बिल्डकॉन के मालिक हैं, जो जोधपुर में एक जाना-माना चेहरा हैं।

गढ़ को छिनने की कोशिश में कांग्रेस

ऐतिहासिक रूप से, 1952 के लोकसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस ने जोधपुर सीट 9 बार जीती है, जबकि भाजपा ने 5 बार जीत हासिल की है। जोधपुर पिछले कई सालों से राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का मैदान रहा है, जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच रस्साकशी चलती रही है। राजस्थान की राजनीति के दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस सीट से पांच बार जीत चुके हैं। ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस का गढ़ होने के बावजूद, भाजपा ने पांच बार जीत हासिल करते हुए महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की है, जबकि चार बार निर्दलीयों ने सीट जीती है। इस बार कांग्रेस इस सीट को हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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