86 वर्षीय यशवंत सिन्हा बनाएंगे नई पार्टी, झारखंड विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी
यशवंत सिन्हा साल 2021 में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन अब पार्टी में उनकी बिल्कुल भी सक्रियता नहीं है। अब वह नए सिरे से सक्रिय हो रहे हैं।
यशवंत सिन्हा
Yashwant Sinha: भारतीज जनता पार्टी के पूर्व दिग्गज नेता 86 वर्षीय यशवंत सिन्हा ने भी झारखंड विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर ली है। यशवंत सिन्हा झारखंड में नई पार्टी बनाएंगे। यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री भी रह चुके थे। कुछ वर्षों पहले भाजपा हाईकमान से मतभेद के बाद वह भाजपा से अलग हो गए। अब अपनी पार्टी बनाने की तैयारी में हैं। आगामी चुनाव में वह ताल ठोकेंगे और पहली बार स्वतंत्र रूप से अपनी ताकत दिखाएंगे।
टीएमसी में हुए थे शामिल
यशवंत सिन्हा साल 2021 में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन अब पार्टी में उनकी बिल्कुल भी सक्रियता नहीं है। लोकसभा चुनाव में हजारीबाग सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने उनके पुत्र जयंत सिन्हा का भी टिकट काट दिया था। यहां भाजपा ने मनीष जायसवाल को टिकट दिया था जिसका सिन्हा ने सीधा विरोध किया था। यशवंत सिन्हा ने कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश पटेल को समर्थन दिया था और उनके पक्ष में वोट की अपील भी की थी हालांकि पटेल को पराजय का सामना करना पड़ा। यशवंत सिन्हा के कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में आने के बाद जिले में भाजपा के कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी।
अटल भवन होगा मुख्यालय
हजारीबाग के ऐसे ही नेताओं के साथ यशवंत सिन्हा ने शहर की साकेतपुरी कॉलोनी स्थित अटल भवन में बैठक की। बता दें कि इसी अटल भवन में भाजपा की हजारीबाग जिला इकाई का दफ्तर संचालित होता था। इस भवन का मालिकाना हक यशवंत सिन्हा के पास है। लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने यह भवन अपने कब्जे में ले लिया है। अब यही भवन प्रस्तावित नई पार्टी का मुख्यालय होगा।
झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और इसमें यशवंत सिन्हा कुछ सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतार सकते हैं। समर्थकों ने सिन्हा से खुद हजारीबाग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। यशवंत सिन्हा हजारीबाग लोकसभा सीट से तीन बार सांसद और संयुक्त बिहार में रांची विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। केंद्र में चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।
2014 में जयंत सिन्हा को मिला था टिकट
वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने हजारीबाग सीट से यशवंत सिन्हा की जगह उनके पुत्र जयंत सिन्हा को चुनाव मैदान में उतारा था। यशवंत सिन्हा ने भी 2014 में पुत्र के सांसद बनने के बाद राजनीति से अघोषित तौर पर रिटायरमेंट ले ली थी, लेकिन वर्ष 2020 में वह एक बार फिर सक्रिय हुए। उन्होंने बिहार के कई इलाकों का दौरा किया और ‘भारतीय सब लोग पार्टी’ नामक राजनीतिक दल भी बनाया। हालांकि ‘भारतीय सब लोग पार्टी’ प्रभाव नहीं छोड़ पाई। इसके बाद सिन्हा वर्ष 2021 में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 2022 में वह विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार बनाए गए थे।
चंपई सोरेन ने भी ताल ठोकी
भले ही झारखंड में अभी चुनाव तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सियासी गतिविधियां बहुत तेज हो गई हैं। नई-नई पार्टी बनाने का दौर तेज है। इससे पहले पूर्व सीएम चंपई सोरेन भी जेएमएम का साथ छोड़ चुके हैं और अपनी पार्टी का गठन करेंगे। चंपई सोरेन ने कहा था कि वह झामुमो नेताओं के हाथों अपमान का सामना करने के बाद अपनी योजनाओं पर अडिग हैं। इस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि उन्होंने अपना पूरा जीवन झारखंड मुक्ति मोर्चा को समर्पित कर दिया है। सरायकेला-खरसावां जिले में अपने पैतृक गांव झिलिंगोरा पहुंचने के तुरंत बाद कहा था, यह मेरे जीवन का नया अध्याय है। मैं राजनीति नहीं छोड़ूंगा, क्योंकि मुझे अपने समर्थकों से बहुत प्यार और समर्थन मिला है। अध्याय समाप्त हो गया है, मैं एक नया संगठन बना सकता हूं।
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