A Murder At The End Of The World

क्रिटिक्स रेटिंग

3

Jul 2, 2021

A Murder At The End Of The World में ब्रिट मार्लिंग (Brit Marling) और जाल बाटमंगलिज (Zal Batmanglij) की यह कहानी सबसे हटके है। क्योंकि फिल्म में जहां साइंस और टेक्नोलॉजी से शुरू की जाती है, लेकिन अंत तक फिल्म की कहानी आपको पूरी फिक्शन स्टोरी लगेगी।

A Murder At The End Of The World Hindi Review: साइंस है या मर्डर मिस्ट्री ? फिल्म घुमा देगी आपका पूरा दिमाग, आखिरी मिनट में समझ पाएंगे कहानी

A Murder At The End Of The World में ब्रिट मार्लिंग (Brit Marling) और जाल बाटमंगलिज (Zal Batmanglij) की यह कहानी बाकी सभी मर्डर मिस्ट्री से अलग है। इस कहानी में एंडी रॉनसन जो कि एक टेक टाइकून होता है। जिसका नाता एक मर्डर से जुड़ा जाता है। फिल्म की पूरी कहानी मर्डर मिस्ट्री और ड्रामा के ऊपर आधारित है। बता दें कि ब्रिट मार्लिंग और जाल बाटमंगलिज खास तौर पर अपनी मर्डर मिस्ट्री सुलझाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन यह फिल्म में खास तौर पर सिंपल नरेट करने की कोशिश की गई है, पहले इसमें साइंस और फिक्शन जोड़ा गया है, लेकिन बाद में यहा मर्डर मिस्ट्री बनकर आती है।
क्या है फिल्म का प्लॉट
फिल्म में एम्मा कोरिन अहम किरदार के रूप में नजर आ रही हैं। जो की खुद को एकांत में रखना पसंद करती हैं। फिल्म में वह शौकिया जासूस बनी नजर आती हैं। वह खासतौर पर घटी हुई घटना और हत्या के ऊपर काम करती हैं। एक बार एंडी रॉनसन और उनकी पूर्व पत्नी ली और ब्रिट मार्लिंग को आइसलैंडिक रिट्रीट में एक खास मुद्दे पर चर्चा करने लिए बुलाया जाता है। इस सभा में इसके अलावा और भी कई महान लोगों को बुलाया जाता है सभा का उद्देश्य टेक्नोलॉजी की मदद से मानवता के भविष्य को बचाना है। लेकिन कहानी नया मोड तब लेती है जब रिट्रीट में किसी एक सदस्य की अचानक मौत हो जाती है। इसपर रॉनसन इस मौत के बारे में पुष्टी करने को कहते हैं। वहीं डार्बी को यकीन हो जाता है कि यह को साधारण मौत नहीं है बल्कि यह एक हत्या है। आखिरकार इस मौत के पीछे का राज क्या है इसे पता लगाने के लिए सभी निकल पड़ते हैं। हल्के-हल्के एक-एक करके रहस्य खुलने शुरू हो जाते हैं।

Image Credit: Social Media

फिल्म की आलोचना
यह कहानी मर्डर मिस्ट्री से थोड़ी हटी नजर आ रही है। फिल्म में पहले कहानी विज्ञान और मानव के भविष्य को सुरक्षित करने पर आधारित थी, लेकिन पूरे प्लाट के दौरान कहीं भी सटीक जवाब और कोई बड़े खास तर्क नजर नहीं आ रहे होते हैं। फिल्म में एक दूसरी अजीब बात यह है कि फिल्म में करेक्टर्स तो कई दिखाए गए हैं, लेकिन उन करेक्टर का अंत ठीक से नहीं किया गया है। कोई भी करेक्टर कही भी खत्म कर दिया गया है। जो कहानी को समझने और सुलझाने में सक्षम नहीं है। फिल्म की जान डार्बी है जो फिल्म की एक बेहद ही अहम भूमिका में है। वह फिल्म में अपना ध्याम खींचने में माहिर हैं। वह अपने किरदार के साथ न्याय करने में सफल रही हैं।
फिल्म के निगेटिव प्लाइंट्स
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है तब आप समझ पाएंगे कि आपको फिल्म में अधिक दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है उसके बाद फिल्म काफी आसान और मनोरंजक हो जाएगी। कहानी में बाद में देखेंगे की अहम किरदार डार्बी अचानक से जासूस में बदल जाती है। जो एक यूएसबी सॉकेट से कुछ भी हैक करने लगती है। वह कई बार फाइटर बनी नजर आती है। हैरानी वाली बात यह है कि फिल्म की शुरुआत साइंस और टेक्नोलॉजी से की जाती है, लेकिन अंत तक कोई भी सटीक तर्क देखने को नहीं मिलता है। जबकि अंत में यह कहानी पूरी फिक्शन पर आधारित लगती है।
फिल्म का निष्कर्ष
फिल्म की कहानी जैसे शुरू होती है साइंस और टेक्नोलॉजी पर भी खरी नहीं उतरती है और ना ही मर्डर मिस्ट्री पर सटीक बैठती है, लेकिन फिल्म आखिरी तक काफी इंटरेस्टिंग बन जाती है। फिल्म देखकर आप बोर फील नहीं कर सकते क्योंकि फिल्म में डार्बी, एम्मा कोरिन, ब्रिट मार्लिंग ने शानदार काम किया है। फिल्म की रेटिंग की बात करें तो फिल्म को 3 स्टार देना गलत नहीं होगा।
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