100 Years Of Mohammed Rafi: मोहम्मद रफी के साथ गाना गाने से बचती थीं लता मंगेशकर? स्वरकोकिला ने जब बताई सच्चाई

100 Years Of Mohammed Rafi: भारत के मशहूर गायक मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) की आज 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है। 24 दिसम्बर 1924 को मोहम्मद रफी का जन्म हुआ था, जिन्होंने बाद में चलकर पूरे बॉलीवुड को अपनी आवाज की जादूगरी से दीवाना बना दिया था। मोहम्मद रफी की कमाल की आवाज का जादू था कि उनके गाने आज तक लोग गुनगुनाते हैं। एक वक्त था जब मोहम्मद रफी और लता मंगेश्कर (Lata Mangeshkar) की दुश्मनी की खबरें वायरल हुई थीं। क्या रफी साहब और लता दी में वाकई दुश्मनी थी? आइए आपको सच्चाई बताते हैं...

Rafi Lata Mangeshkar

100 Years Of Mohammed Rafi: ऐसा कहा जाता है कि एक कलाकार कभी नहीं मरता है। वो दुनिया से जाने के बाद भी अपने काम के जरिए लोगों के दिलों में जिंदा रहता है और सालों-साल उनका मनोरंजन करता रहता है। भारत के महान गायक मोहम्मद रफी भी इसी लिस्ट में शामिल हैं, जिनकी आवाज का जादू अब तक लोगों के कानों में शहद की तरह घुल रहा है। मोहम्मद रफी आज अगर जिंदा होते तो अपना 100वां जन्मदिन मनाते लेकिन वक्त ने उन्हें दुनिया से छीन लिया। मोहम्मद रफी जब अपने करियर के शिखर पर थे तब उनके और लता मंगेशकर के बीच लड़ाई की काफी खबरें उड़ती थीं। ऐसा बताया जाता था कि लता दीदी को रफी साहब के साथ गाना गाने में परेशानी होती है और वो इससे बचने की कोशिश करती हैं। जब ये खबरें मीडिया में लम्बे समय तक छायी रहीं तब लता दीदी ने इन पर जुबान खोली और रफी साहब संग अनबन की सच्चाई बयां की।

रफी साहब से कभी खफा नहीं थीं लता दीदी

लता मंगेशकर और रफी साहब समकालीन गायक थे, जिनके गाने आज तक लोगों के बीच मशहूर हैं। इन दोनों ने साथ में भी कई सारे गाने गाए, जो सुपरहिट हुए। जब ये दोनों बॉलीवुड पर राज कर रहे थे तब इनके बारे में ये बात फैलने लगी कि ये एक-दूसरे के साथ गाना पसंद नहीं करते हैं। लता दीदी ने एक वक्त इन अफवाहों पर बात की और सच्चाई पूरे देश को बताई।

लता मंगेशकर ने मोहम्मद रफी संग लड़ाई की खबरों पर कहा, 'रफी साहब और मेरे बीच किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। हमारे बीच लड़ाई की खबरें बेबुनियाद हैं और हम एख-दूसरे की काफी इज्जत करते हैं। जब भी हमने साथ में गाना गाया है, हमने एक-दूसरे को कुछ न कुछ सिखाया ही है। मन रे तू काहे धीर धरे, और दिन ढल जाए तो मेरे पसंदीदा गाने हैं, जो रफी साहब ने गाए हैं।'

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