72 Hoorain फिल्म में ऐसा क्या है, जो सेंसर बोर्ड को लगी 'मिर्ची', समझिए- क्या है फिल्म का टॉपिक और हूरों का मतलब

72 Hoorain Controversy: संजय पूरन सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म में पवन मल्होत्रा और आमिर बशीर ने मुख्य भूमिका निभाई है। यह मूवी हिंसक चरमपंथ के परिणामों पर आधारित है। मेकर्स की मानें तो मूवी ऐसी कहानी को दिखाती है, जहां दृढ़ विश्वास अराजकता में डूब जाता है।

72 Hoorain Controversy

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

72 Hoorain Controversy: "दि केरला स्टोरी" और "आदिपुरुष" को लेकर छिड़ा संग्राम पूरी तरह समाप्त भी नहीं हो पाया कि एक और फिल्म को लेकर बवाल हो गया। अब विवाद 72 हूरें फिल्म को लेकर पनपा है, जो कि फिदायीनों (सुसाइड बॉम्बर) के कथित टेढ़े-मेढ़े रास्तों का राजफाश करने का दावा करती है। यही वजह है कि सेंसर बोर्ड ने इसके के ट्रेलर को प्रमाण-पत्र देने से इन्कार कर दिया। फिल्म के सह-निर्माता अशोक पंडित ने मंगलवार (27 जून, 2023) को यह खुलासा किया।

पंडित ने डेढ़ मिनट के अपने वीडियो मैसेज में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर व केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी से सेंसर बोर्ड से उन लोगों को हटाने की अपील की, जो कि “उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीनने” की कोशिश करने में लगे हैं। बकौल पंडित, "हम 72 हूरें के निर्माता काफी हैरान-परेशान हैं, क्योंकि बोर्ड ने हमें हमारे ट्रेलर के लिए प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया।"

वह आगे बोले, ‘‘यह काफी हास्यास्पद है। साथ ही दुखद भी है कि एक फिल्म, जिसने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है...एक फिल्म जिसने आईएफएफआई (भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव) में पुरस्कार जीता है...उसके सीन्स वही हैं जो उस समय फिल्म में थे, जबकि इसमें सिर्फ ट्रेलर नया है। एक ओर जहां आपने फिल्म को नेशनल अवॉर्ड दिया है, पर दूसरी ओर आप फिल्म के ट्रेलर को प्रमाण पत्र देने से इन्कार कर रहे हैं।”

वैसे, जब समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की ओर से जोशी से इस बाबत प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया, तो तत्काल कोई जवाब नहीं आया। दरअसल, सात जुलाई को रिलीज होने वाले फिल्म का गोवा में साल 2019 में आईएफएफआई की भारतीय पैनोरमा श्रेणी के तहत प्रीमियर हुआ था, जहां इसे ‘आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल स्पेशल मेंशन’ हासिल हुआ था, जबकि 2021 में चौहान को फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।

संजय पूरन सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म में पवन मल्होत्रा और आमिर बशीर ने मुख्य भूमिका निभाई है। यह मूवी हिंसक चरमपंथ के परिणामों पर आधारित है। मेकर्स की मानें तो मूवी ऐसी कहानी को दिखाती है, जहां दृढ़ विश्वास अराजकता में डूब जाता है। यह रोचक कहानी मानव मानस की गहराइयों में उतरती है और फिदायीनों की ओर से अपनाए गए टेढ़े-मेढ़े रास्तों की पड़ताल करती है। मूवी में उनका आखिरी मकसद "हूरें" नाम से मशहूर 72 कुंवारियों से मिलना दिखाया गया है।

दरअसल, हूर को सरल भाषा में समझें तो यह स्वर्ग की अप्सरा या फिर कुंवारी कन्या माना जा सकता है। इस्लामिक स्कॉलर्स के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि 72 हूर का कॉन्सेप्ट पूरी तरह से काल्पनिक है। यह पूरी तरह से गलत और बहकावे की बात है। हालांकि, यह जरूर माना जाता है कि हम इंसान अगर अच्छा काम करेंगे तब हमें स्वर्ग नसीब होगा, पर इसका अर्थ यह नहीं कि वहां गलत चीजें (शारीरिक संबंध आदि) हों। वह स्वर्ग है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बॉलीवुड (Entertainment News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited