Adipurush में बदले जाएंगे विवादित डायलॉग्स: मुंतशिर बोले- हो सकता है कि मैंने कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो
Manoj Muntashir Shukla on Adipurush Dialogues Controversy: फिल्म के गानों के लिए लिरिक्स लिखने वाले मुंतशिर के मुताबिक, "मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूं पर इस से आपकी पीड़ा कम न होगी। मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है कि वे कुछ संवादों (आहत करने वाले) को संशोधित करेंगे और इसी सप्ताह वे फिल्म में शामिल किए जाएंगे।"
Adipurush फिल्म के डायलॉग्स को फैंस के एक धड़े ने टपोरी किस्म का बताया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
Manoj Muntashir Shukla on Adipurush Dialogues Controversy: फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग्स को लेकर कड़ी आलोचना और बड़े विवाद के बीच फिल्म के संवाद बदले जाएंगे। यह फैसला स्थितियों को देखते हुए लिरिसिस्ट, प्रड्यूसर और डायरेक्टर ने लिया है। मनोज मुंतशिर ने यह ऐलान रविवार (18 जून, 2023) को माइक्रो ब्लॉगिंग मंच टि्वटर के जरिए किया। अपने ऑफीशियल टि्वटर हैंडल (@manojmuntashir) से लंबे ट्वीट को पिन करते हुए लिखा- रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है...वह है हर भावना का सम्मान करना। सही या गलत...समय के अनुसार बदल जाता है पर भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी अधिक पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे हैं, मगर पांच पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां प्रभु राम का यशगान किया और मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं।
बकौल मुंतशिर, "मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कविताएं पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही मां को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा कि मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई कि वे राम का दर्शन भूल गए जो हर मां को अपनी मां मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों।"
Manoj Muntashir Tweet
लिरिसिस्ट ने इसी ट्वीट में आगे लिखा- हो सकता है कि तीन घंटे की फ़िल्म में मैंने तीन मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया। क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियां भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं।‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है। मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है। आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे।
वह यह भी बोले, "हम एक-दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जाएगा। हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनाई है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे। यह पोस्ट क्यों? क्योंकि मेरे लिये आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है। मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूं, पर इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी। मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है कि वे कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं...हम उन्हें संशोधित करेंगे और इसी हफ्ते फिल्म में वे शामिल किए जाएंगे। श्री राम आप सब पर कृपा करें!
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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