दो दशक बाद किसी महिला को मिलेगा दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, सातवीं अदाकारा हैं आशा पारेख

दिग्गज हिंदी फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख को दादासाहेब फाल्के पुरस्कारों में सिनेमा में उनके योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। 1992 में उन्हें सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

दो दशक बाद किसी महिला को मिलेगा दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, सातवीं अदाकारा हैं आशा पारेख

Dadasaheb Phalke Award: दिग्गज हिंदी फिल्म अभिनेत्री आशा पारेख को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (president draupadi murmu) द्वारा इस साल दादासाहेब फाल्के पुरस्कारों में सिनेमा में उनके योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान (lifetime achievement award) से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Thakur) ने अभिनेत्री के सम्मान की घोषणा मंगलवार को की। लगभग 5 दशकों के करियर में, आशा पारेख ने 10 साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में अपने सफर की शुरूआत फिल्म 'मां' में बेबी आशा पारेख नाम से की थी।

1992 में उन्हें सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। तीन साल बाद, आशा ने 'आंदोलन' में अभिनय किया और बाद में 1999 की फिल्म 'सर आंखों पर' में अपनी कैमियो उपस्थिति के बाद उन्होंने फिल्मों से संन्यास ले लिया। अब वह रियलिटी शोज के मंचों पर नजर आती हैं।

दो दशक बाद महिला का सम्मान

इस बार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड महिला अभिनेत्री को देने की घोषणा हुई है और यह अवसर 22 वर्षों के बाद आया है। आखिरी बार यह सम्मान वर्ष 2019 में साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को मिला था और उनसे पहले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को। महिलाओं में यह सम्मान आशा भोसले को वर्ष 2000 में मिला था।

अब तक सात महिलाओं को अवॉर्ड

प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड पाने वाली आशा पारेख सातवीं महिला हैं। उनसे पहले आशा भोसले, लता मंगेशकर, दुर्गा खोटे, कानन देवी, रूबी मेयर्स, देविका रानी को इस अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। आशा पारेख को साल 2020 का दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड दिया जा रहा है। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत वर्ष 1969 में दादा साहेब फाल्के के जन्म शताब्दी वर्ष में की गई। इस बार 52वें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड की घोषणा हुई है।

पुरस्कार में शामिल हैं ये चीजें

दादा साहेब फाल्‍के पुरस्‍कार यह हिंदी स‍िनेमा का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्‍कार माना जाता है ज‍िसकी शुरुआत सन 1969 में हुई थी। सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले दादा साहब फाल्के के नाम पर यह सर्वोच्च पुरस्कार दिया जाता है। दादा साहेब फाल्‍के पुरस्‍कार के तहत दस लाख रुपए नगद और स्वर्ण कमल पदक व एक शाल प्रदान की जाती है। दादा साहेफ फाल्‍के ने पहली फ‍िल्‍म राजा हरिश्चन्द्र का निर्माण किया था।

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Kuldeep Raghav author

कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें

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