Doctor G की कहानी में आयुष्मान ने दिखाया पुरुष प्रधान समाज की सोच, जानिए क्यों देखनी चाहिए फिल्म

आयुष्मान खुराना की नई फिल्म Doctor G आज रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में आयुष्मान ने कैसे जेंडर इक्वालिटी के साथ अलग-अलग मुद्दों से रूबरू करवाया है आज हम आपको इस स्टोरी के जरिए समझाएंगे। एंटरटेनमेंट के फुल डोज की इस फिल्म को देखने के लिए आपको क्यों जाना चाहिए इसके 5 कारण भी बताएंगे।

Ayshmann Khurranan Doctor G (Image instagram)

मुख्य बातें
  • मेल-फिमेल में भेदभाव
  • डायलॉग्स से भरपूर फिल्म
  • जेंडर इक्वालिटी क्यों जरूरी

अपनी फिल्म में अलग-अलग मुद्दों को उठाते रहने वाले अभिनेता आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khuranna) की नई फिल्म Doctor G आज रिलीज हो चुकी है। अगर आप भी इस फिल्म को देखने का मन बना रहे है और थोड़ा संकोच में है तो हम आपको आज इस फिल्म को क्यों देखना चाहिए इसके 5 मुख्य कारण बताएंगे। अपनी हर फिल्म की तरह ही इस बार भी आयुष्मान समाज के एक बहुत अहम मुद्दा जेंडर इक्वालिटी को उठाते दिखे।
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Gender equality हमेशा ही समाज का डिबेटेबल मुद्दा रहा है। बचपन से ही हम सब को सिखाया गया है कि लड़का और लड़की में भेदभाव नहीं होना चाहिए। लेकिन सच्चाई इस से बहुत दूर है। बचपन में ही मान लिया जाता है कि लड़का है तो उसे स्पोर्ट्स और लड़की है तो उसे डांस या गाना पसंद होगा। यहां तक कि जेंडर के आधार पर कौन क्या पढ़ेगा ये भी समाज पहले ही डिसाइड कर लेता है। कुछ ऐसे ही मुद्दों के आधार पर डॉक्टर जी की कहानी का ताना-बाना बुना गया है। उदित गुप्ता (आयुष्मान खुराना) जो की एक मेडिकल स्टूडेंट है और ऑर्थोपिडियशन बनने का सपना देख रहा है। लेकिन रैंक कम होने की वजह से वो गाइनोकॉलजिस्ट डिपॉर्टमेंट में एडमिशन ले लेता है। यहीं से फिल्म की कहानी की शुरूआत होती है।
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फिल्म देखने की 5 बड़ी वजह-
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