EXCLUSIVE: 'श्रीकांत' की कहानी से Tushar Hiranandani ने दी अपने करियर को नई उड़ान, फिल्म के लिए पहली और आखिरी पसंद थे Rajkumar Rao

EXCLUSIVE TUSHAR HIRANANDANI: श्रीकांत की कहानी तो आप लोग जानते होंगे लेकिन इस फिल्म को बनाने वाले डायरेक्टर के मन में ये कहानी कैसे आई और उन्होंने इसके लिए कितने पापड़ बेले यह उनकी जुबानी से ही सुनिए। हाल ही में हमने श्रीकांत के डायरेक्टर तुषार हीरानन्दानी से बातचीत की और उनसे फिल्म से जुड़े किस्से पूछें। इसी के साथ उन्होंने फैंस से भी कुछ मांग की जिसे आपको जरूर पढ़ना चाहिए।

EXCLUSIVE TUSHAR HIRANANDANI

EXCLUSIVE TUSHAR HIRANANDANI: राजकुमार राव ( Rajkumar Rao) अभिनीत फिल्म ' श्रीकांत' इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर जादू चला रही है। फिल्म को तुषार हीरानंदानी ने डायरेक्ट किया है। इसे रिलीज हुए 14 दिन हो गए हैं और फिल्म ने अबतक 30 करोड़ से भी ज्यादा की कमाई कर ली है । फैंस से लेकर फिल्म समीक्षकों तक को 'श्रीकांत' पसंद आ रही है। श्रीकांत की कहानी तो आप लोग जानते होंगे लेकिन इस फिल्म को बनाने वाले डायरेक्टर के मन में ये कहानी कैसे आई और उन्होंने इसके लिए कितने पापड़ बेले यह उनकी जुबानी से ही सुनिए। हाल ही में हमने श्रीकांत के डायरेक्टर तुषार हीरानन्दानी से बातचीत की और उनसे फिल्म से जुड़े किस्से पूछे। इसी के साथ उन्होंने फैंस से भी कुछ मांग की जिसे आपको जरूर पढ़ना चाहिए।

कैसे आया श्रीकांत बनाने का ख्याल ?श्रीकांत' बनाने के ख्याल पर तुषार ने बताया- मैं 45 की उम्र में पैसे जोड़कर रिटायर होना चाहता था, मुंबई का घर बेचकर लोनावला में खेती करने वाला था, लेकिन किसी दिन मेरी नजर श्रीकांत की कहानी पर पड़ी। दृष्टिबाधित होकर भी वह आज इतने सफल उद्योगपति हैं, उनकी मेहनत और जज्बे कहानी ने मुझे प्रेरित किया, मैंने सोचा कि मैं इतनी जल्दी क्यों रिटायर हो रहा हूं। जिसके बाद मेरी पत्नी निधि ने मुझे हौसला दिया और मैंने श्रीकांत की कहानी को दुनिया के सामने दिखाने का फैसला किया।

राजकुमार राव को श्रीकांत के लिए कैसे चुना तुषार हीरानंदानी ने बताया कि जैसे ही उन्होंने 'श्रीकांत' की कहानी पढ़ी, इस मूवी के लिए उनके दिमाग में राजकुमार राव का ही ख्याल आया। उन्होंने इस सिलसिले में कहा, "मैंने उन्हें फिल्म के लिए अप्रोच किया और उन्हें कहानी बेहद पसंद आई। राजकुमार राव फिल्म के लिए पहली और आखिरी पसंद थे और उन्होंने इस किरदार में कमाल कर दिया।"

श्रीकांत के लिए शरद केलकर ने ली 101 फीस तुषार ने हमें वह किस्सा भी सुनाया, जब शरद केलकर( Sharad Kelkar) 101 रुपए में यह फिल्म करने को तैयार हो गए थे। उन्होंने बताया कि जब मैंने शरद को फिल्म के लिए अप्रोच किया तब वह इसके लिए तैयार थे, लेकिन अपनी उसी फीस पर जिस पर वह अन्य फिल्मों में काम करते हैं। वह कोविड का समय था और हमारा बजट ढीला था, लेकिन जैसे ही मैंने शरद को श्रीकांत की कहानी सुनाई, उन्होंने यह प्रस्ताव रखा कि वह 101 रुपए में यह फिल्म करने को तैयार हैं, वह इतना कीमती मौका नहीं छोड़ना चाहते थे।

ओटीटी पर क्यों नहीं रिलीज की श्रीकांत? तुषार हीरानंदानी ने बताया कि वह 'श्रीकांत' को ओटीटी पर ही रिलीज करना चाहता थे, लेकिन भूषण कुमार( Bhushan Kumar) ने उन्हें कहा कि यह फिल्म सिनेमा के लिए है। ऐसे में तुषार हीरानंदानी ने 'श्रीकांत' थिएटर में ही रिलीज करने का फैसला किया। उन्होंने इस बारे में कहा, "इसलिए फिल्म को हमने अक्षय तृतीया के मौके पर रिलीज किया और यह कामयाब हुई।" हीरानंदानी ने आगे कहा कि निर्माता फिल्म न चलने के डर से बायोपिक जैसी फिल्मों को थिएटर में रिलीज करने से कतराते हैं, मैं कहता हूं फिल्मों को ओटीटी की बजाय सिनेमाघरों में रिलीज करना चाहिए और फैंस को ऐसी फिल्में ज्यादा से ज्यादा देखनी चाहिए ताकि निर्माताओं का ये डर खत्म हो और फिल्में अच्छा प्रदर्शन करे।

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