ZoomTV Behind The Scene: परदेस के लिए क्यों फिट नहीं थे सलमान खान-माधुरी दीक्षित? वो वजह जिसने सुभाष घई को किया मुंह फेरने को मजबूर

ZoomTV Behind The Scene: बहुत कम लोगों को पता है कि फिल्म परदेस (Pardesh Movie) की कहानी जब लिखी जा रही थी तब सुभाष घई (Subhash Ghai) की टीम ने उन्हें सलमान खान (Salman Khan) और माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) के नाम सुझाए थे लेकिन सुभाष घई ने इन दोनों कलाकारों को साइन न करके महिमा चौधरी (Mahima Chaudhary) और अपूर्वा अग्निहोत्री (Apurva Agnihotri) का रुख किया। आइए आपको परदेस की कास्टिंग से जुड़ा मजेदार किस्सा सुनाते हैं...

ZoomTV Special Behind The Scene
सुभाष घई (Subhash Ghai) की फिल्म परदेस (Pardes) 8 अगस्त 1997 को बड़े पर्दे पर रिलीज हुई। शाहरुख खान (Shah Rukh Khan), अमरीश पुरी (Amrish Puri), महिमा चौधरी (Mahima Chaudhary) और अपूर्वा अग्निहोत्री (Apurva Agnihotri) जैसे स्टार्स से सजी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी और इसने जमकर कमाई की थी लेकिन क्या आपको पता है एक वक्त परदेस की स्टारकास्ट में शाहरुख खान, सलमान खान (Salman Khan) और माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) होने वाले थे। सोचिए 90's में सलमान खान, शाहरुख खान और माधुरी दीक्षित जिस फिल्म में होते उस पर पैसों की बरसात होना पक्का था फिर सुभाष घई ने माधुरी दीक्षित की जगह महिमा चौधरी और सलमान खान की जगह अपूर्वा अग्निहोत्री को लेकर रिस्क क्यों लिया? नहीं पता न... आइए आपको बताते हैं...
जब सुभाष घई फिल्म परदेस लिख रहे थे, तब उन्होंने गंगा का किरदार माधुरी दीक्षित से डिस्कस किया था लेकिन जब उन्होंने फिल्म की पूरी कहानी कर ली और गंगा का जो कैरेक्टर उनके सामने था उसमें माधुरी फिट नहीं बैठ रही थीं। माधुरी 90' की बड़ी स्टार थीं, जो अपने साथ एक इमेज कैरी करती थीं, इसके उलट सुभाष घई को एक ऐसी लड़की चाहिए थी जो उनके लिखे किरदार गंगा की तरह मासूम हो, जिसने हवाई जहाज न देखा हो और विदेश की बात तो उसके दिमाग में ही न आई हो। इसी कारण सुभाष घई ने माधुरी दीक्षित को फिल्म परदेस में कास्ट नहीं किया। सुभाष घई ने गंगा के लिए एक नई लड़की की तलाश शुरू की और वो तलाश खत्म हुई महिमा चौधरी पर...

Pardes Mahima

सुभाष घई ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि गंगा के लिए जितनी भी लड़कियों से वो मिले उनमें महिमा इसलिए खास थीं क्योंकि उन्हें महिमा की हंसी में मासूमियत नजर आई। वो गंगा के लिए जिस मुस्कान की तलाश में थे, वो उन्हें महिमा के चेहरे पर दिखाई दी। महिमा आंखों से बात करती थीं, जो बात सुभाष घई के दिल को भाई और परदेस के लिए महिमा की कास्टिंग हुई।
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