Fight Club Movie Review: लोकेश कनगराज के बैनर तले बनी फिल्म 'Fight Club' की कहानी आपको सोचने पर कर देगी मजबूर

Fight Club Movie Review: लोकेश कनगराज के बैनर तले बनी यह फिल्म फाइट क्लब रिलीज हो चुकी है। बता दें कि का निर्देशन अब्बास ए रहमत ने किया है। फिल्म की कहानी उत्तरी चेन्नई के ऊपर बनाई गई है। जहां धोखा, बदला और अपने अस्तिव्त की रक्षा के लिए लड़ाई देखी जा सकती है।

क्रिटिक्स रेटिंग

3
Fight Club Movie Review लोकेश कनगराज के बैनर तले बनी फिल्म Fight Club की कहानी आपको सोचने पर कर देगी मजबूर
Fight Club Movie Review: लोकेश कनगराज साउथ सिनेमा के जाने माने फिल्ममेकर हैं। वे अपनी बेहतरीन फिल्मों में शानदार डायरेक्शन के लिए जाने जाते हैं। वहीं हाल ही में लोकेश कनगराज के बैनर तले बनी फिल्म फाइट क्लब रिलीज हो गई है। अब्बास ए रहमत द्वारा निर्देशित यह फिल्म उत्तर चेन्नई के विष्यों पर आधिरत है। इस फिल्म की पूरी कहानी धोखा, बदला और अपने अस्तिव्त की रक्षा के लिए की जाने वाली लड़ाई के इर्द गिर्द घूमती है।
फिल्म का प्लॉट
इस फिल्म की कहानी में देखा जाएगा की कार्तेकेयन संथानम चेन्नई के उन लोगों के बारे में सोचता है जो ड्रग्स और गुंडा गर्दी करते हैं। वह यह चाहता है कि वे सब इसे छोड़कर स्पोर्ट्स के ऊपर ध्यान दें। फिल्म में आगे देखा जाता है कि सेल्वा (विजय कुमार) एक अच्छा फुटबॉलर होता है, लेकिन वह एक हत्या के आरोप के बाद बुरी मुसीबत में फंस जाता है। उसके बाद कहानी में देखा जाएगा कि सेल्वा उन लोगों से बदला लेने की ठान लेता है जिन लोगों ने उसे इस हत्या के मामले में फंसाया है। जिसके बाद उसका पूरा किरदार बदल जाता है।
बाकी फिल्मों के जैसी है फिल्म की कहानी
इस फिल्म की कहानी में फाइट, बदला और धोखा दिखाया गया है जो लगभग सभी उत्तरी चेन्नई के विषय पर बनी फिल्मों में दिखाया जाता है। लेकिन यह फिल्म उन फिल्मों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हो पाई है।
कैसा है पहला भाग
फिल्म के पहले भाग में देखा जाएगा कि फिल्म में सेल्वा के साथ ही कई किरदार दिखाए जाते हैं। फिल्म में किरूबा विलेन होता है जो कहानी में अहम किरदार निभाता नजर आ रहा है, लेकिन इतने किरदार होने के बाद भी किरदार आपस में मिल नहीं पाए हैं। वहीं दूसरी पार्ट में प्रेम कहानी दिखाई जाती है। जो आपका ध्यान आकर्षित करेगी।
फिल्म में आए उतार चढ़ाव
फिल्म के दूसरे भाग में आप देख पाएंगे कि फिल्म में जहां एक तरफ लड़ाई झगड़ा चल रहा है, लेकिन यह लड़ाई किसी उद्देश्य से रहित नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर प्रेम कथा भी चलती है जो फिल्म में कुछ खास प्रभाव नहीं डाल पाती है।
टेक्निकल वर्क
फिल्म में तकनीकी प्रतिभा की बात करें तो फाइट क्लब में यह बेहतरीन तरीके से दिखाई गई है। फिल्म में सिनेमैटोग्राफर लियोन ब्रिटो और संपादक कृपाकरन का काम तारीफे काबिल है। फिल्म में गोविंद वसंत के म्यूजिक ने चार चांद लगा दिए हैं।
कास्ट
फिल्म के कास्ट की बात करें तो फिल्म में विजय कुमार के अलावा कार्तेकेयन संथानम, अविनाश रघुदेवन और सरवनवेल सहित कई कलाकार नजर आ रहे हैं। जो अपने किरदार के साथ न्याय कर रहे हैं।
क्या देखनी चाहिए आपको फिल्म जानें
फाइट क्लब उत्तरी चेन्नई के विषयों पर बनी इस फिल्म की कहानी कुछ हटके नहीं है। यह कहानी बाकी फिल्मों से मिलती जुलती नजर आती है। फिल्म में सितारों की एक्टिंग और तकनीकी काम बाकी सभी फिल्मों से अलग करता है। फिल्म की अधिक करेक्टर की अपनी कहानी होने की वजह से यह दर्शकों को कंफ्यूज कर सकती है, लेकिन जिन लोगों को इस तरह की फिल्में पसंद हैं उनके लिए यह फिल्म बेस्ट च्वाइस हो सकती है।
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आर्टिकल की समाप्ति

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