Chitta Ve Review: ड्रग्स के जाल और जंजाल को बेहतरीन अंदाज में दिखाती है 'चिट्टा वे', दलजीत ने किया कमाल

इस सीरीज में एक डायलॉग है- 'ये जो ड्रग है न चिट्टा, जब आपके शरीर में जाता है न, तो शरीर के सारे रंग फीके कर देता है. बिलकुल सफेद और फिर आपकी जिंदगी में कोई रंग नहीं रहता है." इस एक लाइन से ड्रग्स की लत को बखूबी बयां किया जा सकता है।

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इस सीरीज में एक डायलॉग है- 'ये जो ड्रग है न चिट्टा, जब आपके शरीर में जाता है न, तो शरीर के सारे रंग फीके कर देता है. बिलकुल सफेद और फिर आपकी जिंदगी में कोई रंग नहीं रहता है." इस एक लाइन से ड्रग्स की लत को बखूबी बयां किया जा सकता है. बयां किया जा सकता है कि खूबसूरती से इस काली दुनिया को इस सीरीज में दिखाया गया है.

ये कहानी मनप्रीत (दलजीत कौर) की है. जो एक बेहद भोली महिला है, जिसको गर्भवती न हो पाने के कारण काफी प्रताड़ित किया जाता है. एक बेहतर जीवन के लिए बेताब, वह तरन (अहम शर्मा) के बहकावे में आ जाती है, जो उसे एक उज्जवल भविष्य का वादा करता है. हालाँकि, वह जल्द ही खुद को एक खतरनाक ड्रग की दुनिया में फँसा हुआ पाती है, जहाँ सब कुछ उसके नियंत्रण से बाहर हो जाता है.

सीरीज में आपको देखने को मिलता है कि कैसे नशे की लत आपसे क्या कुछ नहीं करवा लेती है. चाहें वो किसी और को नुकसान पहुंचना हो या फिर खुद को. कैसे इससे न सिर्फ बल्कि आपके अपने करीबी व रिश्तेदार भी परेशान होते हैं. ये भी देखने को मिलता है कि कैसे इस ड्रग्स की दुनिया से कुछ लोगों को कितना फायदा होता है और इसके तार कहां कहां तक जुड़े होते हैं.

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